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Written By एन. पांडेय
Last Updated : शनिवार, 29 अक्टूबर 2022 (11:38 IST)

BKTC अध्यक्ष अजेन्द्र अजय से क्यों नाराज हैं तीर्थ पुरोहित, FIR की चेतावनी

BKTC अध्यक्ष अजेन्द्र अजय से क्यों नाराज हैं तीर्थ पुरोहित, FIR की चेतावनी - Why Tirth Purohit is angry with BKTC President Ajendra Ajay
केदारनाथ। केदारनाथ में बद्री-केदार मंदिर समिति (BKTC) के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय के खिलाफ तीर्थ पुरोहित गुस्सा दिखाने लगे हैं। तीर्थ पुरोहितों का मंदिर समिति अध्यक्ष अजेन्द्र अजय के खिलाफ मोर्चा खोलने का कारण उनके द्वारा मंदिर के गर्भगृह की गोल्ड प्लेटिंग के साथ अपनी फोटो वायरल करना है। वहीं दूसरी ओर उनका कहना है कि मंदिर की गोल्ड प्लेटिंग करने में तीर्थ पुरोहितों को विश्वास में नहीं लिया गया।
 
इसको मंदिर के स्थापित नियमों के विरुद्ध बताते हुए तीर्थ पुरोहितों ने अजेन्द्र अजय के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के साथ ही एक बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दी है। तीर्थ पुरोहित केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोने की परत लगाए जाने की फोटो खिंचवाकर वायरल करने के मामले पर अजेन्द्र अजय का तो विरोध कर ही रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उनका कहना है कि मंदिर की गोल्ड प्लेटिंग करने में तीर्थ पुरोहितों को विश्वास में नहीं लिया गया।
 
तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि गर्भगृह के भीतर सोने की प्लेटिंग के साथ अपनी फोटो खिंचवाकर मंदिर समिति के अध्यक्ष ने हिन्दुओं की आस्था को ठेस पहुंचाई है। केदारनाथ के तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने एक वीडियो संदेश जारी करके कहा है कि मंदिर समिति अध्यक्ष ने बड़ी चतुराई से मंदिर के बाहर ताला लगा तीर्थ पुरोहितों को विश्वास में लिए बिना गर्भगृह में सोने की प्लेटिंग कराई।
 
उन्होंने आगे कहा कि इसके बाद मंदिर के नियमों की अनदेखी कर अपने गर्भगृह में फोटो खिंचवाते हुए अब इससे अपना प्रचार कर रहे हैं जबकि ऐसा कृत्य तो 6 बार केदार पहुंचे पीएम ने भी कभी यहां नहीं किया। पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने मंदिर समिति अध्यक्ष पर केदार में तीर्थाटन को पर्यटन में तब्दील कर देने का आरोप लगाते हुए उनको समिति से हटाने की भी मांग कर डाली।
 
दूसरी तरफ 27 अक्टूबर यानी गुरुवार को केदारनाथ धाम के कपाट बंद किए जाने के बाद भगवान केदारनाथ की चल विग्रह डोली मराठा रेजीमेंट की बैंड धुन और भक्तों के जयकारों के उद्घोष के साथ अपने पहले पड़ाव रामपुर से प्रस्थान कर विभिन्न पड़ावों शेरसी, बड़ासू, फाटा, ब्यूग, देवीधार, नारायनकोटी और नाला होते हुए रात्रि विश्राम के लिए विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंची।
 
स्थानीय ग्रामीणों, व्यापारियों एवं यात्रियों द्वारा बाबा की पंचमुखी डोली का फूलमालाओं से भव्य स्वागत किया गया। बाबा की डोली गुप्तकाशी पहुंचते ही संपूर्ण वातावरण भक्तिमय हो गया। हर जगह बाबा के जयकारों की आवाज गुंजायमान होने लगी। विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी में रात्रि विश्राम के बाद 29 अक्टूबर, शनिवार को प्रात: पूजा-अर्चना के बाद बाबा की पंचमुखी चल विग्रह डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान कर गई।
 
आज यानी शनिवार को डोली उखीमठ पहुंचने के बाद से ही अगले 6 माह तक बाबा केदार की शीतकालीन पूजा-अर्चनाएं ओंकारेश्वर मंदिर में ही होती रहेंगी। रविवार से यह पूजा शुरू होगी। इसी तरह मां गंगा और मां यमुना की उत्सव डोलियां भी गंगोत्री और यमुनोत्री से प्रस्थान कर शीतकालीन गद्दियों पर पहुंच गई हैं, वहीं बद्रीनाथ की यात्रा अभी जारी है, जो आगामी 19 नवंबर तक चलेगी।
 
Edited by: Ravindra Gupta