बनारस। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की नसीहत विश्व हिंदू परिषद (विहिप) को हजम नहीं हुई है। विहिप ने बराक ओबामा को 'चर्च का पिटठू' बताते हुए नरेंद्र मोदी सरकार से कहा है कि भारतीय राजनीति में ऐसे लोगों की पहचान करके उन्हें बाहर करें जो चर्च की वकालत करते हैं।
विहिप के संयुक्त सचिव सुरेंद्र जैन ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति भारत को नसीहत देने के बजाय अपने मुल्क की फिक्र करें, जहां अश्वेतों के खिलाफ अत्याचार हो रहे हैं। जैन ने कहा कि ओबामा खुद भी अश्वेत हैं, इसके बाद भी वह अश्वेतों के खिलाफ अत्याचार नहीं रोक पा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को बराक ओबामा ने धार्मिक सहिष्णुता के मामले में भारत को नसीहत देते हुए कहा था कि कोई भी देश तभी मजबूत होता है जब वहां रह रहे सभी धर्मों के लोगों को पूरी धार्मिक स्वतंत्रता हो।
नेशनल प्रेयर ब्रेकफास्ट कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, 'भारत में हाल के वर्षों में धार्मिक असहिष्णुता बढ़ी है और ये इतनी बढ़ी है कि अगर आज गांधीजी होते तो उन्हें भी इससे धक्का लगता।'
जैन ने कहा कि भारत में कुछ लोगों से मिलने के बाद ही ओबामा ऐसे बयान दे रहे हैं। उन्होंने भारत में भी धार्मिक सहिष्णुता का सवाल उठाया था और अपने मुल्क में भी ऐसे बयान दे रहे हैं। ओबामा पर चर्च का प्रभाव काफी ज्यादा दिख रहा है। चर्च अपने लोगों को राजनीति में भेजता रहता है। (एजेंसी)