कोलकाता/मुर्शिदाबाद। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों ने विद्यालयों में कथित रूप से अवैध भर्तियों के मामले की जांच के सिलसिले में तृणमूल कांग्रेस के विधायक जीवन कृष्ण साहा को सोमवार सुबह मुर्शिदाबाद जिले के बुरवान स्थित उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया।
सूत्रों ने यह जानकारी दी। सीबीआई अधिकारी पश्चिम बंगाल के सरकारी एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों में कथित रूप से अवैध भर्तियों से जुड़े मामले में बुरवान निर्वाचन क्षेत्र के विधायक साहा से 14 अप्रैल से पूछताछ कर रहे थे।
सूत्रों ने बताया कि साहा को सोमवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की सुरक्षा के बीच वाहनों के काफिले में उन्हें ले जाया गया। सूत्रों ने बताया कि साहा को जांच एजेंसी के कोलकाता स्थित कार्यालय ले जाया जाएगा।
सीबीआई ने रविवार को छापेमारी के दौरान साहा के दो मोबाइल फोन में से एक फोन को तालाब से निकाला था। साहा ने अपने आवास पर सीबीआई के छापे के दौरान ये मोबाइल फोन अपने आवास के समीप एक तालाब में कथित रूप से फेंक दिए थे।
साहा तृणमूल के तीसरे विधायक हैं जिन्हें इस मामले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। राज्य के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और एक अन्य विधायक माणिक भट्टाचार्य को भी इस मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है। चटर्जी के पास 2014 से 2021 के बीच शिक्षा विभाग था।
इसी दौरान राज्य के सरकारी एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों में शिक्षण एवं गैर शिक्षण कर्मियों की भर्ती में कथित अनियमितताएं हुई थीं। भट्टाचार्य पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष हैं। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर मामले की और इससे जुड़े धन के कथित लेनदेन की जांच कर रहे हैं।
तृणमूल कांग्रेस ने पार्टी विधायक की गिरफ्तारी पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि कानून अपना काम करेगा। तृणमूल के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, हम हालात पर निकटता से नजर रख रहे हैं, लेकिन हम कुछ कहना नहीं चाहते। कानून अपना काम करेगा।
इस बीच, भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के विधायकों की गिरफ्तारी ने साबित कर दिया है कि राज्य में सत्तारूढ़ दल के जनप्रतिनिधि भ्रष्टाचार में शामिल थे। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, साहा गिरफ्तार किए गए तीसरे विधायक हैं। भ्रष्टाचार में शामिल तृणमूल नेताओं की सूची लंबी है। ये गिरफ्तारियां दर्शाती हैं कि जनप्रतिनिधि भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने ट्विटर के जरिए आरोप लगाया कि तृणमूल के जनप्रतिनिधियों ने बिचौलियों की तरह काम किया। अधिकारी ने ट्वीट किया, पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ दल ने राज्य सरकार की नौकरियों को सबसे ऊंची बोली लगाने वाले लोगों को बेचने के लिए एक समानांतर तोल मोल (भ्रष्टाचार) सेवा आयोग की स्थापना की।
तृणमूल के प्रवक्ता ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, शुभेंदु गिरफ्तार होने के बजाए क्यों और कैसे खुलेआम घूम रहे हैं? नारद मामले में उनका नाम है। वह (अपने खिलाफ) कार्रवाई से बचने के लिए ही भाजपा में शामिल हुए थे।
उन्होंने कहा, सीबीआई अब एक दिशा में तो अग्र सक्रिय है, लेकिन शुभेंदु को आजाद घूमने दे रही है। उन्हें नारद एवं शारदा मामलों में गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)