25 साल का रिकॉर्ड तोड़ने वाली बर्फबारी से कश्मीर बेहाल
श्रीनगर। कश्मीर में बर्फ ने 25 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। वर्ष 1992 में इतनी भयंकर बर्फबारी हुई थी और तब भी जो भयानक तबाही मची थी उसने बीसियों की जान ले ली थी। हालत यह है कि कश्मीर इस भयानक बर्फबारी से बेहाल है और इसमें मौसम विभाग की वह चेतावनी और दहशतजदा कर रही है जिसमें कहा जा रहा है कि अगले 24 घंटों में कश्मीर के कई इलाकों में अभी भी बर्फबारी का खतरा बरकरार है।
हालत यह है कि कश्मीर घाटी के विभिन्न हिस्सों में लगातार चौथे दिन रिकॉर्ड बर्फबारी के कारण देश के अन्य हिस्सों से इसका संपर्क टूटा रहा। हालांकि मौसम विभाग ने शुक्रवार को मौसम में सुधार होने की बात कही थी। मौसम विभाग के अधिकारी ने बताया कि पहलगाम, गुलमर्ग और श्रीनगर में हुई भारी बर्फबारी ने साल 2006 और 1992 के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। अधिकारियों ने बताया कि हम शुक्रवार से मौसम में सुधार होने की उम्मीद कर रहे हैं। घाटी में बर्फबारी के चलते यातायात और उड़ानें प्रभावित हुई हैं।
परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि जब तक शुक्रवार अपराह्न श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग का निरीक्षण नहीं हो जाता, तब तक वाहनों के आवागमन को अनुमति नहीं दी जा सकती। हवाई अड्डे के एक अधिकारी ने बताया कि श्रीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सुबह के समय दृश्यता केवल 200 मीटर थी। दिन में दृश्यता में सुधार होने पर ही उड़ान संचालन की बहाली पर निर्णय लिया जाएगा। मौसम विभाग के अधिकारी के मुताबिक, श्रीनगर का न्यूनतम तापमान शून्य से 0.8 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। गुरुवार से यहां 10.5 मिलीमीटर बारिश और 2 सेंटीमीटर बर्फबारी दर्ज की गई।
पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 2.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज हुआ। यहां 36.6 मिलीमीटर बारिश व 23 सेंटीमीटर बर्फबारी दर्ज की गई। गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान शून्य से 4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। यहां 40.2 मिलीमीटर बारिश व 41 सेंटीमीटर बर्फबारी दर्ज की गई। मौसम विभाग ने बताया कि जम्मू शहर में शुक्रवार को न्यूनतम तापमान 8.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यहां 28.4 मिलीमीटर बारिश हुई। कटरा में न्यूनतम तापमान 7.5 डिग्री, बानिहाल में शून्य डिग्री सेल्सियस, बाटोट में 0.1 डिग्री सेल्सियस और भद्रवाह में शून्य से 0.1 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।
हालत यह है कि कश्मीर वादी के सभी मुख्य कस्बों और शहरों को जाने वाले सड़क मार्ग बर्फ ने पाट दिए तो आवाजाही थम गई है। कई इलाकों में खाने-पीने की समस्याएं पैदा हो गई हैं, क्योंकि किसी को इसके प्रति उम्मीद नहीं थी कि इस बार की जनवरी की बर्फबारी इतना भयानक कहर बरपाएगी कि जीना मुहाल हो जाएगा।