शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. प्रादेशिक
  4. Punjab government on the target of Navjot Singh Sidhu
Written By
Last Updated : सोमवार, 8 नवंबर 2021 (15:34 IST)

गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में सिद्धू के निशाने पर पंजाब सरकार, पूछा सवाल

गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में सिद्धू के निशाने पर पंजाब सरकार, पूछा सवाल - Punjab government on the target of Navjot Singh Sidhu
प्रमुख बिंदु
  • नवजोत सिंह सिद्धू के निशाने पर पंजाब सरकार
  • गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी का मामला
  • एसआईटी का गठन किया गया था
चंडीगढ़। कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने सोमवार को राज्य में अपनी पार्टी की सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा कि 2015 में हुई कोटकपुरा पुलिस गोलीबारी की घटना में आरोप पत्र कहां है? सिद्धू ने कहा कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया था कि कोटकपुरा घटना की जांच 6 महीने के भीतर पूरी कर ली जानी चाहिए। उन्होंने पूछा कि आज 6 महीने और 1 दिन बीत गया। (मामले में) आरोप पत्र कहां है।
 
उन्होंने यह भी पूछा कि गोलीबारी की घटना के एक आरोपी पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी को मिली जमानत के खिलाफ विशेष अनुमति याचिका क्यों नहीं दायर की गई? उच्च न्यायालय ने अप्रैल में पंजाब पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा 2015 कोटकपुरा में सिख प्रदर्शनकारियों की एक सभा में हुई गोलीबारी संबंधी घटना की जांच को रद्द कर दिया था। सिख प्रदर्शनकारी उस वर्ष फरीदकोट में गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाओं के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे।
 
अदालत ने तत्कालीन आईपीएस अधिकारी कुंवर विजय प्रताप सिंह की अध्यक्षता वाली एसआईटी जांच को रद्द कर दिया था। बाद में उन्होंने समय से पहले सेवानिवृत्ति ले ली थी। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद 7 मई को नई एसआईटी का गठन किया गया था। कोटकपुरा गोलीबारी की घटना की जांच के लिए नई एसआईटी का नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एलके यादव ने किया।
 
राज्य में गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाएं और इसके बाद 2015 में फरीदकोट में इस मुद्दे पर विरोध कर रहे लोगों पर पुलिस गोलीबारी से संबंधित घटनाएं हुई थीं। पुलिस गोलीबारी की एक घटना कोटकपुरा में और दूसरी फरीदकोट के बहबल कलां में हुई थी। सिद्धू राज्य के महाधिवक्ता एपीएस देओल और कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक आईपीएस सहोता की नियुक्ति का विरोध करते रहे हैं।