पासपोर्ट विवाद पर पासपोर्ट अधिकारी ने कहा, मैं कानून के हिसाब से काम कर रहा था
लखनऊ। पासपोर्ट सेवा केन्द्र पर अधिकारी द्वारा उत्पीड़न किए जाने की शिकायत करने वाले हिन्दू-मुस्लिम दंपति को गुरुवार को पासपोर्ट जारी कर दिए गए। इस मामले में सफाई देते हुए पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा ने कहा कि अपने ऊपर लगे सभी आरोपो को खारिज करते हुए कहा कि मैं कानून के हिसाब से काम कर रहा था।
पासपोर्ट अधिकारी ने कहा कि उन्होंने तन्वी सेठ के निकाहनामे में मुस्लिम और एप्लीकेशन में हिंदू नाम होने पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा कि तन्वी से उनके निकाहनामे में लिखे नाम शादिया अनस का ही प्रयोग करने को कहा था, जिसके लिए उन्होंने मना कर दिया।
विकास मिश्रा का कहना था कि हमें इस बात की सघनता से तस्दीक करनी पड़ती है कि कोई भी व्यक्ति पासपोर्ट के लिए अपना नाम तो नहीं बदल रहा।
क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी पीयूष वर्मा ने कहा कि दंपति को पासपोर्ट जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने घटना पर खेद प्रकट करते हुए कहा कि आरोपी अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जांच करके आगे की कार्रवाई भी की जाएगी।
इस मामले में मोहम्मद अनस और उनकी पत्नी तनवी सेठ का कहना है कि वे बुधवार को पासपोर्ट का नवीनीकरण कराने के लिए पासपोर्ट कार्यालय गए थे। दंपति का आरोप है कि पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा ने अनस से कहा कि वह हिन्दू धर्म अपना लें। साथ ही उन्होंने तनवी से सभी दस्तावेजों में अपना नाम बदलने का निर्देश दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि जब दोनों ने ऐसा करने से इन्कार कर दिया तो अधिकारी उन पर चिल्लाने लगा। घटना के बाद दंपती घर लौट आए और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्वीट कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी।
अनस और तनवी ने 2007 में शादी की थी। उनकी छह साल की एक बेटी भी है और दोनों नोएडा की एक निजी कंपनी में काम करते हैं।
चित्र सौजन्य : ट्विटर