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Last Modified: सोमवार, 22 मार्च 2021 (20:22 IST)

विश्व में पत्रकारों पर हमले एवं उनकी हत्याएं गंभीर एवं चिंता का विषय-श्रवण गर्ग

विश्व में पत्रकारों पर हमले एवं उनकी हत्याएं गंभीर एवं चिंता का विषय-श्रवण गर्ग - Parul University Webinar News
वड़ोदरा। पारूल विश्वविद्यालय में संचालित फेकल्टी ऑफ आर्ट्‍स के तहत संचालित डिपार्टमेंट ऑफ जर्नलिज्म एंड मॉस कम्यूनिकेषन की ओर से 'पॉलिटिक्स एंड रोल ऑफ मीडिया' विषय पर ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबीनार के मुख्य अतिथि थे वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग। 
 
वरिष्ठ पत्रकार गर्ग ने फेक न्यूज, प्लांटेड न्यूज को रोल ऑफ मीडिया एवं पॉलिटिक्स के संदर्भ में समझाते हुए उसके आने वाले समय में गंभीर परिणामों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने क्या सूचना देनी चाहिए, कैसे देनी चाहिए एवं कब देनी चाहिए इस संदर्भ में भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने विद्यार्थियों को राजनीतिक पत्रकारिता करने के गुर भी सिखाए साथ ही इस क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों से भी अवगत कराया। उन्होंने कहा कि मीडिया के विद्यार्थियों के लिए डिग्री पर्याप्त नहीं है। इसके लिए उन्हें अलग से अपने अंदर पत्रकारिता की क्षमताओं का विकास करना होगा।
 
उन्होंने कहा कि कभी मीडिया तो कभी राजनीति दोनों एक दूसरे को प्रभावित करते हैं। उन्होंने करीब 55 साल के अपने पत्रकारिता के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि राजनीति में भूत एवं भविष्य के बारे में लिखना तो आसान है, लेकिन वर्तमान परिप्रेक्ष्य में लिखना संभव नहीं है। यह दुधारी तलवार पर चलने के समान है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में राजनीति पर लिखने और बोलने से पत्रकार कतराते हैं। 
 
उन्होंने विश्व के विभिन्न देशों में राजनीतिक पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला एवं कहा कि ट्रंप मीडिया को पंसद नहीं करते हैं, वहीं मीडिया भी ट्रंप को पसंद नहीं करता। इसके साथ ही उन्होंने विश्व में पत्रकारों पर बढ़ रहे हमले एवं उनकी हो रही हत्याओं पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने राजनीति का मीडिया पर एवं मीडिया का राजनीति पर पड़ने वाले अच्छे एवं बुरे दोनों प्रभावों को विस्तार से समझाया। इसके साथ ही वर्तमान समय में मीडिया घरानों के स्वरूप को बताया एवं उनकी राजनीति में भूमिका पर भी बात की। 
गर्ग ने मीडिया में कवरेज के संबंध में समय एवं स्थान के महत्व को स्पष्ट किया। साथ ही डेमोक्रेटिव वेल्यूज पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने विकासशील, विकसित, अर्धविकसित एंव कम विकसित देशों में राजनीतिक पत्रकारिता को लेकर भी अपने विचार व्यक्त किए।
 
उन्होंने राजनीति पत्रकारिता में और अधिक विश्लेषणात्मकता पर बल दिया। इसके साथ ही विभिन्न देशों में पत्रकारिता के विभिन्न मॉडल पर भी विचार व्यक्त किए। मीडिया, राजनीति शुचिता एवं नैतिकता पर भी उन्होंने विचार व्यक्त किए साथ ही इलेक्ट्रोल पॉलिटिक्स, प्री-इलेक्शन सर्वे को विस्तार से समझाया। इस अवसर पर गर्ग ने प्रतिभागियों की जिज्ञासाओं को भी शांत किया।
 
इस अवसर पर पारूल के डीन, फेकल्टी ऑफ आर्टस, प्रिंसिपल पारूल इंस्टीट्यूट ऑफ आर्टस एवं प्रोफेसर जर्नलिज्म एंड मॉस कम्यूनिकेशन प्रो. डॉ. रमेश कुमार रावत ने वेबिनार के आरंभ में अतिथि परिचय तथा स्वागत भाषण दिया तथा अंत में आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर असिस्टेंट प्रोफेसर अचलेंद्र कटियार सहित विभिन्न फेकल्टी सदस्यों ने ऑनलाइन वर्कशॉप में भाग लिया।