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Last Updated : शुक्रवार, 5 अगस्त 2022 (18:38 IST)

राजस्थान में लंपी रोग से 4000 मवेशियों की मौत, 9000 से अधिक संक्रमित

राजस्थान में लंपी रोग से 4000 मवेशियों की मौत, 9000 से अधिक संक्रमित - Lumpy Disease kills 4000 cattle in Rajasthan, more than 9000 infected
जयपुर। राजस्थान में संक्रामक चर्म रोग से अब तक 4000 से अधिक मवेशियों की मौत हो चुकी है, जबकि 90000 से अधिक मवेशी संक्रमित हुए हैं।राज्य सरकार इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।संक्रमण 16 जिलों में फैल गया है, बाड़मेर, जोधपुर और जालौर सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, जबकि गंगानगर, हनुमानगढ़ और चूरू जिलों में इसका असर कम हो रहा है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मरने वाले मवेशियों में अधिकांश गाए हैं।मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने पशुपालकों से भी अपील की कि यदि पशुओं में इस रोग के लक्षण दिखाई दें, तो वे अपने नजदीकी पशु चिकित्सालय में संपर्क करें।

पशुपालन विभाग में सचिव पीसी किशन ने बताया कि राज्‍य में लंपी रोग से मरने वालों की संख्या करीब 4000 हो गई है। उन्‍होंने बताया, संक्रमण 16 जिलों में फैल गया है, बाड़मेर, जोधपुर और जालौर सबसे ज्यादा प्रभावित हैं जबकि गंगानगर, हनुमानगढ़ और चूरू जिलों में इसका असर कम हो रहा है। उन्होंने कहा कि मरने वालों पशुओं की संख्या 4000 को पार कर गई है। किशन गुरुवार को बाड़मेर जिले के दौरे पर रहे।

इस संक्रामक रोग को गांठदार चर्म रोग वायरस (एल‍एसडीवी) या लंपी रोग कहा जाता है। अब तक राज्य के जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, जालौर, पाली, सिरोही, बीकानेर, चुरू, गंगानगर, हनुमानगढ़, अजमेर, नागौर, जयपुर, सीकर, झुंझुनू और उदयपुर जिलों में यह बीमारी पशुओं में देखी गई हैं।

अधिकारियों के अनुसार बुधवार शाम तक हुई कुल 4,296 मौतों में से सबसे ज्यादा 840 मौतें गंगानगर से हुई हैं, इसके बाद बाड़मेर (830), जोधपुर (730), जालौर (580) और बीकानेर (527) मौते हुई हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 94,358 संक्रमित जानवरों में से 74,118 से अधिक का इलाज किया गया है।

अधिकारियों के अनुसार यह संक्रामक रोग रक्त चूसने वाले कीड़ों, मक्खियों की कुछ प्रजातियों और दूषित भोजन और पानी के जरिए फैलता है। इसके प्राथमिक लक्षण में पशुओं की त्वचा पर गांठ, तेज बुखार और नाक बहना है। उन्होंने बताया कि अफ्रीका में पैदा हुई यह बीमारी अप्रैल में पाकिस्तान के रास्ते भारत आई थी।

इस बीच, मुख्यमंत्री गहलोत ने गोवंश में फैल रहे लंपी चर्म रोग को अत्यंत संक्रामक बताते हुए गुरुवार को पशुपालकों से सावधान रहने की अपील की। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इसकी रोकथाम व बचाव के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।

गहलोत ने ट्वीट किया कि गोवंश में फैल रहा लंपी चर्म रोग अत्यंत संक्रामक है। राज्य सरकार इसकी रोकथाम एवं इससे बचाव के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। अपने पशुओं को इससे बचाने के लिए आवश्यक सावधानियों का पालन करें।

उन्‍होंने पशुपालकों से पशुओं में इस रोग के लक्षण नजर आने पर नजदीकी पशु चिकित्सा संस्था में सम्पर्क करने की अपील की। अन्‍य लोगों से सहयोग की अपील करते हुए गहलोत ने लिखा, गौशाला संचालक, जनप्रतिनिधिगण एवं स्वयंसेवी संस्थाओं से अपील करता हूं कि इस बीमारी के नियंत्रण एवं रोकथाम में राज्य सरकार को अपना सहयोग प्रदान करें।

वहीं राज्‍य सरकार ने रोग पर काबू पाने व पशुपालकों की मदद के लिए कदम उठाने शुरू किए हैं। बुधवार को पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया व मुख्‍य सचिव उषा शर्मा ने दो अलग-अलग बैठकों में हालात की समीक्षा की व सम्बद्ध जिलों के अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए।

एक बयान के अनुसार जिला स्‍तरीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में मंत्री कटारिया ने कहा कि पशुओं में फैल रहे लंपी रोग पर काबू पाने के लिए वे मिशन मोड में काम करें। बैठक में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गोवंश को इस बीमारी से बचाने के लिए पूर्ण सजगता एवं संवेदनशीलता के साथ हरसंभव प्रयास कर रही है।

मुख्‍य सचिव शर्मा ने बताया कि आपातकालीन जरूरी दवाइयां खरीदने के लिए संभाग स्तरीय अजमेर, बीकानेर और जोधपुर कार्यालयों को आठ लाख से 12 लाख रुपए और बाकी प्रभावित जिलों को दो से आठ लाख रुपए का बजट दिया गया है।

उन्होंने बताया कि यह राशि पूर्व में आपात बजट के तहत समस्त जिला स्तरीय कार्यालयों तथा बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालयों को आवंटित राशि के अतिरिक्त जारी की गई है। उन्होंने बताया कि प्रभावित जिलों में बीमारी की रोकथाम, रोगी पशुओं का उपचार और प्रभावी निगरानी के लिए 30 अतिरिक्त किराए के वाहनों की व्यवस्था भी की गई है।(भाषा) 
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