OperationShield के तहत 6 राज्यों में हुई मॉक ड्रिल, पाकिस्तान में मची खलबली
Mock Drills Operation Shield India : देश के सीमावर्ती राज्यों गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में शनिवार शाम ऑपरेशन शील्ड (OperationShield) के तहत बड़े पैमाने पर (Mock Drill) की गई। इसका मुख्य उद्देश्य है कि नागरिकों को यह पता चले कि आपदा या युद्ध जैसी स्थिति में कैसे रेस्क्यू ऑपरेशन किया जाए। हम सभी किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें। इस बीच इन राज्यों के कई इलाकों में ब्लैक आउट किया गया। इन 6 राज्यों में हुई इस मॉक ड्रिल से दुश्मन देश पाकिस्तान में खलबली मच गई है।
खबरों के अनुसार, देश के सीमावर्ती राज्यों गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में शनिवार शाम ऑपरेशन शील्ड (OperationShield) के तहत बड़े पैमाने पर (Mock Drill) की गई। इसका मुख्य उद्देश्य है कि नागरिकों को यह पता चले कि आपदा या युद्ध जैसी स्थिति में कैसे रेस्क्यू ऑपरेशन किया जाए। हम सभी किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें।
इस बीच इन राज्यों के कई इलाकों में ब्लैक आउट किया गया। इस दौरान घायलों को बचाना, उन्हें मेडिकल ऐड देना, आग लगने पर फायर ब्रिगेड के तुरंत रिस्पॉन्स देने सहित अन्य ड्रिल की गईं। इन 6 राज्यों में हुई इस मॉक ड्रिल से दुश्मन देश पाकिस्तान में खलबली मच गई है। मॉक ड्रिल में प्रशासन और सुरक्षाबलों ने आपसी समन्वय के साथ युद्ध जैसे हालात से निपटने की तैयारी परखी।
नागरिक सुरक्षा की तैयारियों के आकलन के लिए ऑपरेशन शील्ड के तहत शनिवार को राजस्थान की राजधानी जयपुर सहित कई शहरों में मॉक ड्रिल की गई। जयपुर में हवाई हमले के परिदृश्य वाली मॉक ड्रिल आयोजित की गई। यह ड्रिल खातीपुरा के एक स्कूल भवन में हुई जहां आपातकालीन दलों ने बचाव अभियान का अभ्यास किया।
नागरिक सुरक्षा और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल की टीमों ने आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रोटोकॉल के तहत काम करते हुए घायलों को तुरंत पास के अस्पताल पहुंचाया। सीकर जिले के कल्याण मेडिकल कॉलेज में 4 नकली धमाकों के जरिए आपातकालीन प्रतिक्रिया का परीक्षण किया गया।
जैसे ही ड्रिल शुरू हुई, एंबुलेंस, दमकल और पुलिस बल मौके पर पहुंचे। धमाकों की आवाज से एक मासूम बच्ची घबरा गई, जिसे महिला पुलिसकर्मियों ने संभाला। जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में भी ऑपरेशन शील्ड के तहत सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल कराई गई।
मॉक ड्रिल के दौरान स्वयंसेवकों द्वारा घायलों को स्ट्रेचर पर एम्बुलेंस में ले जाने और आग बुझाने का अभ्यान करते हुए देखा गया। इस अभ्यास का उद्देश्य वास्तविक समय की स्थितियों में आपात प्रतिक्रिया तंत्र की प्रभावकारिता का मूल्यांकन करना और उसे बढ़ाना था।
मॉक ड्रिल में अग्निशमन व आपात सेवा, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों सहित कई एजेंसियों की समन्वित भागीदारी देखी गई। नागरिक सुरक्षा, राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) और राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के प्रशिक्षित स्वयंसेवकों ने भी अभ्यास में भाग लिया।
पंजाब के होशियारपुर में यह अभ्यास एक काल्पनिक परिदृश्य पर आधारित था, जिसमें दुश्मन के ड्रोनों के झुंड ने एक सैन्य ठिकाने पर हमला किया, जिससे स्टेशन कमांडर को नागरिक प्रशासन से तत्काल सहायता मांगने के लिए मजबूर होना पड़ा। ड्रोन हमले के कारण मौके पर फंसे 20 लोगों को बचाने और सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए एक समन्वित प्रयास किया गया।
पंजाब के होशियारपुर में यह अभ्यास एक काल्पनिक परिदृश्य पर आधारित था, जिसमें दुश्मन के ड्रोनों के झुंड ने एक सैन्य ठिकाने पर हमला किया, जिससे स्टेशन कमांडर को नागरिक प्रशासन से तत्काल सहायता मांगने के लिए मजबूर होना पड़ा। ड्रोन हमले के कारण मौके पर फंसे 20 लोगों को बचाने और सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए एक समन्वित प्रयास किया गया।
उपायुक्त आशिका जैन ने अभ्यास के समापन पर कहा कि यह अभ्यास किसी भी संकट के दौरान प्रशासन के कुशल समन्वय और परिचालन तत्परता को सुनिश्चित करने के लिए सरकार की सक्रिय तैयारी रणनीति का हिस्सा था। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह अभ्यास एक नियमित तैयारी का हिस्सा था और निवासियों में किसी प्रकार की कोई घबराहट थी।
जैन ने कहा, मॉक ड्रिल का प्राथमिक उद्देश्य आपात स्थितियों के लिए लोगों को मानसिक रूप से तैयार करना और निर्बाध अंतर-विभागीय समन्वय सुनिश्चित करना है। उन्होंने युवाओं से आधिकारिक दिशा-निर्देशों का पालन करने और जागरूकता अभियानों का सक्रिय रूप से समर्थन करने का आग्रह किया।
पंजाब के सीमावर्ती जिले फाजिल्का में शाम छह बजे हवाई हमले की चेतावनी का सायरन बजाया गया, जिसके बाद अभ्यास शुरू हुआ। जलालाबाद के उपजिलाधिकारी कंवरजीत सिंह ने बताया कि इस तरह के अभ्यास का मुख्य उद्देश्य किसी भी आपात स्थिति के लिए खुद को तैयार रखना है। उन्होंने इस तरह के अभ्यास में लोगों की भागीदारी पर जोर देते हुए कहा कि जनता की भागीदारी से किसी भी आपात स्थिति से बेहतर तरीके से निपटा जा सकता है।
अब इस मॉक ड्रिल के बाद फिर अटकलें लगाई जा रही है कि कहीं फिर से तो कुछ बड़ा नहीं होने वाला है? क्योंकि पिछली बार भी मॉक ड्रिल के ऐलान के बाद देर रात ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दे दिया गया था। भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 100 किलोमीटर अंदर तक 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था।
Edited By : Chetan Gour