मंगलवार, 30 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. प्रादेशिक
Written By अरविंद शुक्ला
Last Updated :लखनऊ , गुरुवार, 30 अक्टूबर 2014 (17:55 IST)

केजीएमयू की 350 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण

केजीएमयू की 350 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण -
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री  अखिलेश यादव ने कहा है कि किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) को देश ही नहीं बल्कि दुनिया की अव्वल दर्जे की संस्था बनाने के लिए धन की कमी नहीं होने दी जाएगी। 
उन्होंने केजीएमयू की विशिष्टता एवं कार्य को देखते हुए यहां के शिक्षकों का वेतनमान एसजीपीजीआई, लखनऊ के समकक्ष करने तथा राजकीय मेडिकल कॉलेजों की फैकल्टी की रिटायरमेंट आयु 65 वर्ष करने की घोषणा की। उन्होंने केजीएमयू कैम्पस को बेहतर बनाने के लिए जमीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा विश्वविद्यालय को विश्वस्तरीय सिग्नेचर बिल्डिंग बनाने के लिए सभी सम्भव मदद देने की बात भी कही है। 
 
मुख्‍यमंत्री आज यहां साइंटिफिक कन्वेंशन सेण्टर में केजीएमयू द्वारा आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने केजीएमयू की लगभग 350 करोड़ रुपए की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। जिन परियोजनाओं का लोकापर्ण किया गया, उनमें आधुनिक शैक्षणिक ब्लॉक, विभिन्न प्रकार के आवासों के 03 ब्लॉक, 100 बिस्तरों वाले ब्वायज हॉस्टल, वर्चुअल क्लास तथा हॉस्पिटल कम्प्यूटराइजेशन और फाइबर ऑप्टिक केबल नेटवर्क फेज़-1 शामिल हैं। इस मौके पर उन्होंने केजीएमयू इंस्टीट्‌यूट ऑफ स्किल्स, 250 बिस्तरों वाले गर्ल्स हॉस्टल, 650 बिस्तरों वाले नर्स हॉस्टल तथा 932 बिस्तरों वाले ब्वायज हॉस्टल की आधारशिला भी रखी। 
 
विश्व में केजीएमयू की प्रतिष्ठा की चर्चा करते हुए मुख्‍यमंत्री ने कहा कि विभिन्न देशों में कार्यरत यहां के चिकित्सक अपने को जॉर्जियन कहलाने पर गर्व महसूस करते हैं। राज्य सरकार केजीएमयू की इस प्रतिष्ठा को बनाए रखने तथा इसमें और अधिक वृद्धि के लिए पूरा सहयोग प्रदान करेगी। 
 
सरकार द्वारा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए कार्यों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि नेताजी ने अपने कार्यकाल में चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए काफी कार्य किया था। उनके प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए वर्तमान राज्य सरकार ने भी इस क्षेत्र में तेजी से काम किया है। प्रदेश का शायद ही कोई ऐसा गांव हो, जहां इलाज के लिए लोगों को अपनी जमीन न बेचनी पड़ी हो। सरकार जनता की इस समस्या से वाकिफ है, इसीलिए गम्भीर बीमारियों के इलाज की निःशुल्क व्यवस्था के साथ-साथ कई और फैसले भी लिए गए, जिनका लाभ जनता को मिल रहा है। 
 
मुख्‍यमंत्री ने कहा कि एक सर्वेक्षण से पता चला है कि लोगों को सबसे अधिक कैंसर, हृदय रोग तथा गुर्दे जैसी गम्भीर एवं खर्चीली बीमारियों से जूझना पड़ता है। इस समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार द्वारा राजकीय अस्पतालों एवं मेडिकल कॉलेजों में बड़ी बीमारियों के निःशुल्क इलाज की व्यवस्था कराई गई। इसके अलावा विधायकों को भी  बीमारियों के इलाज के लिए जरूरतमन्दों को 25 लाख रुपए तक आर्थिक मदद देने की व्यवस्था की गई है। 
 
उन्होंने कहा कि कैंसर का इलाज नगर के कई राजकीय चिकित्सालयों में किया जा रहा है। कैंसर के उच्‍चस्तरीय इलाज के लिए चक गंजरिया फार्म में विश्वस्तरीय कैंसर संस्थान की स्थापना के लिए कार्रवाई की जा रही है। यादव ने कहा कि मेडिकल की पढ़ाई काफी खर्चीली है। निजी क्षेत्र में स्थापित होने वाले मेडिकल कॉलेजों में आर्थिक रूप से कमजोर छात्रोंके लिए पढ़ना सम्भव नहीं है। इसको ध्यान में रखते हुए जनपदों में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की जा रही है। ग्रामीण आयुर्विज्ञान संस्थान, सैफई का विस्तार करने के अलावा कन्नौज, आजमगढ़ आदि जनपदों में मेडिकल कॉलेज संचालित किए गए। 
 
जनपद बदायूं में मेडिकल कॉलेज का निर्माण हो रहा है। जनपद जौनपुर में स्थापित होने वाले मेडिकल कॉलेज की भी आधारशिला शीघ्र रखी जाएगी। आने वाले समय में कई अन्य जनपदों में भी मेडिकल कॉलेज स्थापित कराकर एमबीबीएस एवं अन्य स्तर की सीटों में इजाफा कराया जाएगा, ताकि गरीबों के इलाज के साथ-साथ पर्याप्त संखया में अतिरिक्त चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के चिकित्सकों को पूर्व की भांति पीजी के अध्ययन के लिए सुविधा मिलती रहेगी। 
 
समाजवादी स्वास्थ्य सेवा के तहत संचालित '108' एम्बुलेंस सेवा तथा '102' नेशनल एम्बुलेंस सर्विस का जिक्र करते हुए श्री यादव ने कहा कि अभी आवश्यकता पड़ने पर ए एम्बुलेंस 20 मिनट में अपने गंतव्य पर पहुंच जाती हैं। इसी प्रकार राज्य सरकार पुलिस सेवा में सुधार करने का प्रयास कर रही है ताकि जरूरत पड़ने पर पुलिस मौके पर 15 मिनट में पहुंच जाए। इसके लिए विश्वस्तरीय नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जा रहे हैं। कानपुर में आधुनिक नियंत्रण कक्ष शुरू हो चुका है। लखनऊ में भी शीघ्र संचालित होने जा रहा है। इसके बाद नोएडा सहित अन्य शहरों में भी ऐसी व्यवस्था की जाएगी। बाद में मुख्‍यमंत्री ने आधुनिक शैक्षणिक ब्लॉक का निरीक्षण भी किया।
 
इससे पूर्व, प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन ने कहा कि मुख्‍यमंत्री के प्रयासों के चलते ढाई साल में 500 एमबीबीएस सीटों की संख्‍या में इजाफा हुआ है। अगले वर्ष तक एमबीबीएस की कुल 2,100 सीट हो जाने की सम्भावना है। राज्य सरकार ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी काम किया है। इसी के फलस्वरूप इस वर्ष पिछले साल की तुलना में लगभग 01 करोड़ अधिक लोगों का इलाज किया गया। 
 
इस अवसर पर मुख्‍यमंत्री एवं अन्य अतिथियों का स्वागत करते हुए केजीएमयू के कुलपति प्रो. रविकांत ने कहा कि मुख्‍यमंत्री के सहयोग से 150 एकड़ जमीन सैटेलाइट कैम्पस की स्थापना के लिए मिल गई है। उन्होंने केजीएमयू को राज्य की धरोहर बताते हुए कहा कि यहां से पढ़े चिकित्सक विश्व के तमाम देशों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। 
 
समारोह में राजनीतिक पेंशनमंत्री राजेन्द्र चौधरी, राज्य मंत्री माध्यमिक शिक्षा विजय बहादुर पाल, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा  बीएस भुल्लर सहित केजीएमयू के फैकल्टी, छात्र-छात्राएं आदि उपस्थित थे।