देहरादून। मंगलवार को गौरीकुंड से आगे केदारनाथ पैदल मार्ग टूट जाने से केदार यात्रा के लिए आए 10 हजार से ज्यादा यात्रियों को विभिन्न पड़ावों पर रोक दिया गया है। इससे पहले सोमवार को बारिश के कारण हाईवे पर यात्रियों को रोका गया था। प्रशासन का दावा है कि जल्द ही मार्ग की मरम्मत कर ली जाएगी, लेकिन करीब 3 घंटे बाद भी मार्ग सुचारु नहीं हो सका है।
सोमवार को पांडुकेश्वर से बद्रीनाथ के बीच पहाड़ी से पत्थर गिरने से बद्रीनाथ के यात्रियों की राह भी बाधित हो गई थी। सोमवार की शाम को पहाड़ी से पत्थर गिरने व बारिश के कारण अलकनंदा का जलस्तर बढ़ने से बद्रीनाथ जाने वाले यात्रियों को लामबगड़ में एहतियातन 3 घंटे तक रोके रखा गया। देर रात पुलिस की देखरेख में इन यात्रियों को निकटवर्ती पड़ाव तक भिजवाया गया।
सोमवार की शाम से लगातार चमोली जिले में भारी बारिश हो रही थी। इसके चलते बद्रीनाथ हाईवे में लामबगड़ के पास खचरा नाला उफान पर आ गया। बारिश के कारण पहाड़ी से भी पत्थर गिरने लगे। यात्रियों को सुरक्षा के मद्देनजर विभिन्न स्थानों पर रोका। दूसरी तरफ पर्यटन विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण उपलब्धता की जांच करने के बाद ही श्रद्धालुओं से यात्रा शुरू करने का आग्रह किया गया है।
सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बताया कि चारधाम आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा सुखद एवं सुरक्षित हो सके, इसके लिए विभिन्न धामों की वहन क्षमता के अनुरूप पंजीकरण की सीमा तय की गई है, तीर्थयात्री पंजीकरण की उपलब्धता की जांच करने के बाद ही यात्रा करें। इसके साथ ही सभी यात्रियों को चारधाम यात्रा के दौरान हेल्थ एडवाइजरी का पालन करने की हिदायत दी गई है।
पर्यटन विभाग ने प्रदेश में तीर्थयात्रियों के रजिस्ट्रेशन की एक निश्चित सीमा निर्धारित की है। बिना पंजीकरण के चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को ऋषिकेश से आगे जाने की इजाजत नहीं होगी। तीर्थयात्री पंजीकरण कराने के बाद नियत तारीख पर ही यात्रा शुरू करने के लिए उत्तराखंड आएं। पंजीकरण के बाद ही रहने के लिए होटल बुकिंग करें।
उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के लिए यात्री registrationandtouristcare.uk.gov.in पर पंजीकरण कराएं।
बद्रीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में तीर्थयात्रियों की बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने अब धामों की वहन क्षमता के अनुसार पंजीकरण की व्यवस्था की है। केदारनाथ और यमुनोत्री धाम में दर्शन करने के लिए 31 मई तक वहन क्षमता के अनुसार पंजीकरण फुल हो चुके हैं जबकि बद्रीनाथ धाम में 20 मई और गंगोत्री धाम में 25 मई के बाद पंजीकरण उपलब्ध हैं। केदारनाथ धाम में अब तक 2 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।
केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में तीर्थयात्रियों की बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने अब धामों की वहन क्षमता के अनुसार पंजीकरण की व्यवस्था की है। बिना पंजीकरण के तीर्थयात्रियों को रोका जा रहा है जिससे धामों में क्षमता से अधिक श्रद्धालु पहुंचने से अव्यवस्थाओं का सामना न करना पड़े।
सरकार ने केदारनाथ धाम के लिए 13 हजार, बद्रीनाथ धाम के लिए 16 हजार, गंगोत्री के लिए 8 हजार और यमुनोत्री धाम के लिए 5 हजार प्रतिदिन संख्या तय की है। धामों की वहन क्षमता के अनुसार ही यात्रियों का पंजीकरण किया जा रहा है।
केदारनाथ और यमुनोत्री धाम में दर्शन करने के लिए इस माह तक पंजीकरण उपलब्ध नहीं है जबकि बद्रीनाथ धाम जाने के लिए 20 मई और गंगोत्री धाम में 25 मई के बाद पंजीकरण उपलब्ध है। बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की रिपोर्ट के अनुसार सोमवार तक केदारनाथ में 2 लाख और बद्रीनाथ धाम में 1.60 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।
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