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Written By Author सुरेश डुग्गर
Last Updated : शुक्रवार, 27 सितम्बर 2019 (21:24 IST)

आतंकियों की घुसपैठ की आशंका, जमीन और आसमान की कड़ी निगरानी

Punjab border | आतंकियों की घुसपैठ की आशंका, जमीन और आसमान की कड़ी निगरानी
जम्मू। पंजाब से सटे जम्मू संभाग की इंटरनेशनल बॉर्डर के इलाकों में पिछले 48 घंटों से सघन तलाशी अभियान चल रहा है। इस तलाशी अभियान का मकसद उन आतंकियों की तलाश करना है जिनके प्रति कहा जा रहा है कि वे हीरानगर में हुई सीजफायर की घटनाओं के बाद इस ओर घुस आए थे।
 
साथ ही आशंका यह जताई जा रही है कि आतंकियों ने जमीन में सुरंगें खोदी हैं जिनका इस्तेमाल घुसपैठ करने तथा हथियार लाने के लिए किया जा रहा है। यही नहीं, पंजाब में ड्रोन द्वारा हथियार गिराए जाने की घटनाओं के बाद यह भी आशंका जताई जा रही है कि ऐसी कवायद जम्मू सीमा पर भी अंजाम दी गई होगी।
अधिकारियों ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कठुआ जिले के हीरानगर में आतंकियों की घुसपैठ की आशंका के चलते दो रात से सर्च ऑपरेशन चलाया गया। सुरक्षाबलों ने देर रात अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे इलाकों को खंगाला। एक लोकल गाइड की भी तलाश की जा रही है। बताया जा रहा है कि यह गाइड आतंकियों की मदद कर रहा था।
 
प्रशासन के निर्देश के बाद शुक्रवार को हीरानगर सेक्टर में जीरो से 5 किलोमीटर के दायरे में आने वाले 52 स्कूलों को बंद कर दिया गया है। इससे पहले 12 सितंबर को कठुआ में पुलिस ने हथियार और गोला-बारूद ले जा रहे एक ट्रक को बरामद किया था।
आतंकियों के पास से 4 एके-56, 2 एके-47 और 6 मैग्जीनें बरामद की गईं, साथ ही इन हथियारों में प्रयोग में लाए जाने वाले 180 कारतूस भी बरामद हुए थे। ये आतंकवादी कश्मीर घाटी में सक्रिय आतंकवादियों की मदद से पठानकोट में बामयाल सीमा से होते हुए अंतरराष्ट्रीय सीमा की ओर से दाखिल हुए थे।
 
इन आतंकियों को पंजाब-जम्मू-कश्मीर बॉर्डर के लखनपुर इलाके से गिरफ्तार किया गया था। पकड़े गए आतंकियों में उबैद-उल-इस्लाम निवासी पुलवामा, जहांगीर अहमद पर्रे निवासी बड़गाम, सबील अहमद बाबा निवासी पुलवामा हैं। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से आतंकी संगठन घाटी का माहौल खराब करने की लगातार कोशिश कर रहे हैं।
 
वहीं पंजाब में सीमा पार से ड्रोन का इस्तेमाल कर हथियार उतारे जाने और जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की आशंकाओं के बीच एलओसी और आईबी पर रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। कठुआ से जम्मू जिले तक 180 किलोमीटर लंबी भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ ने एंटी टनल अभियान भी चलाया। इस अभियान को अब लगातार जारी रखा जाएगा।
पाकिस्तान से सटी सीमा पर सेना और बीएसएफ की चौकियों पर तैनात जवानों को ज्यादा सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। ड्रोन से हथियारों की सप्लाई की आशंका के बीच पूरे सुरक्षा तंत्र ने जमीन से लेकर आसमान तक निगरानी को बेहद कड़ा कर दिया है।
 
एंटी टनल अभियान के तहत बीएसएफ ने आधुनिक हथियारों और उपकरणों के साथ फेंसिंग के नजदीक उगी घनी झाड़ियों को साफ किया। थ्री टायर फेंसिंग के साथ लगने वाले स्थानों के आसपास पूरी तरह से सफाई की जाएगी। बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान टनल से घुसपैठ कराने की कोशिश कर सकता है। इसी को देखते हुए ऑपरेशन लांच किया गया है।
 
कठुआ बॉर्डर से जम्मू बॉर्डर तक यह ऑपरेशन चल रहा है। बताया जा रहा है कि आरएसपुरा बॉर्डर पर पाकिस्तानी घुसपैठिया पकड़े जाने के बाद से एंटी टनल अभियान चलाया गया है लेकिन अब इसे तेज कर दिया गया है।
 
बीएसएफ ने अपने ग्राउंड सेंसर को भी सक्रिय कर दिया है। इसी साल जुलाई में बीएसएफ ने पंजाब और जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान के साथ मिलकर बॉर्डर पर अभियान शुरू किया था, वहीं सेना और बीएसएफ ने एलओसी और बॉर्डर पर रेड अलर्ट घोषित किया है। (सांकेतिक चित्र)
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