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Last Updated : सोमवार, 14 अगस्त 2017 (11:38 IST)

गोरखपुर हादसा : योगी बोले होगी कठोर कार्रवाई, विपक्ष ने मांगा इस्तीफा

गोरखपुर हादसा : योगी बोले होगी कठोर कार्रवाई, विपक्ष ने मांगा इस्तीफा - Gorakhpur Hospital Incident,
गोरखपुर/ लखनऊ। गोरखपुर के एक सरकारी अस्पताल में कई बच्चों की मौत को लेकर विपक्ष के हमले का सामना कर रहे उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि इस मामले में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी, दूसरी तरफ विपक्ष ने योगी से इस्तीफे की मांग की।
 
स्थिति को भांपते हुए मोदी सरकार ने गोरखपुर में 85 करोड़ रुपए की लागत से एक क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र स्थापित करने का ऐलान किया। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बीती 7 अगस्त से कुछ दिनों के भीतर 60 से अधिक बच्चों की मौत की खबर आई है। कहा गया है कि ज्यादातर बच्चों की मौत बिल के भुगतान नहीं होने से ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होने के कारण हुई।
 
इस घटना को लेकर राष्ट्रीय राजधानी में प्रदर्शन हुआ। कांग्रेस ने कहा कि उन लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए जिनकी लापरवाही के कारण यह 'नरसंहार' हुआ है। अस्पताल का शनिवार को दौरा करने वाले आदित्यनाथ ने कहा कि इस मामले का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। 
 
दूसरी तरफ बाल रोग विभाग के नोडल अधिकारी कफील खान को प्रभार से हटा दिया गया। एक अधिकारी ने कहा कि डॉक्टर खान का प्रभार वापस लिया गया है तथा इसे इस तरह से नहीं देखा जाना चाहिए कि कफील को निलंबित किया गया है। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि इस मामले में सजा एक मानक तय करेगी।
 
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार ने बाल रोगों में गहन अनुसंधान के लिए 85 करोड़ रुपए की लागत से गोरखपुर में क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र की स्थापना को मंजूरी दे दी है।
 
नड्डा यहां आदित्यनाथ के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गोरखपुर आने से पहले उन्होंने क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
 
उन्होंने कहा कि संसद के बीते सत्र में मैंने आदित्यनाथजी को आश्वासन दिया कि एक संपूर्ण संस्थान की जल्द ही स्थापना की जाएगी। आदित्यनाथ ने पूर्वांचल में हर साल सैकड़ों बच्चों की मौत का कारण बनने वाले मस्तिष्क ज्वर पर गहन अनुसंधान के लिए एक क्षेत्रीय वायरस अनुसंधान केंद्र की स्थापना की जरूरत पर जोर देते हुए शनिवार को कहा कि ऐसा किए बगैर इस जानलेवा बीमारी के खिलाफ जंग नहीं जीती जा सकती।
 
मुख्यमंत्री ने बातचीत में कहा कि पूर्वी उत्तरप्रदेश की बनावट ऐसी है कि हम संचारी रोगों से लड़ाई को तब तक नहीं जीत सकते, जब तक कि यहां पूर्णकालिक वायरस रिसर्च सेंटर नहीं बन जाता। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गोरखपुर को एम्स दिया है लेकिन यहां पूर्णकालिक वायरस रिसर्च सेंटर भी होना चाहिए। 
 
योगी ने इंसेफेलाइटिस के खिलाफ अपनी लड़ाई के बारे में भावुक अंदाज में जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने बच्चों को मरते हुए देखा है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर मुझसे अधिक संवेदनशील और कौन हो सकता है? मैंने इस मुद्दे को सड़क से संसद तक उठाया है। इस बीमारी की पीड़ा मुझसे ज्यादा और कौन समझेगा? 
 
योगी ने बताया कि प्रदेश के मुख्य सचिव और केंद्रीय सचिव इस घटना की जांच कर रिपोर्ट देंगे। दिल्ली की उच्चस्तरीय टीम भी पूरे मामले की जांच कर रही है। रिपोर्ट आते ही घटना में संलिप्त लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी। जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। (भाषा)
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