मंगलवार, 5 नवंबर 2024
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जिंदगी के बाद भी चैन नहीं, शर्म से सिर झुकाने वाली एक घटना

Funeral procession case | जिंदगी के बाद भी चैन नहीं, शर्म से सिर झुकाने वाली एक घटना
मध्यप्रदेश के नीमच जिले में एक बार फिर ऐसी शर्मसार कर देने वाली तस्वीर सामने आई है, जिसको देखकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। जी हां, आजादी के 70 साल बाद गांव की स्थिति यह है कि गांव में कमर से अधिक पानी में किसान अर्थी लेकर श्मशान जा रहे हैं।

यह घटना है है नीमच जिला मुख्यालय से मात्र 8 किलोमीटर दूर स्थित गिरदौड़ा ग्राम पंचायत के गांव पिपलिया हाड़ा की, जहां 9 अक्टूबर को एक बुजुर्ग भगवान लाल भील की मौत हो गई। इनकी शवयात्रा को कंधे से ऊपर पानी में ले जाया गया। दरअसल, यहां जो श्मशान बना है उसके जाने के रास्ते में कमर से अधिक पानी भरा है।

इस संबंध में किसान मोहनलाल नागदा का कहना है कि इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली यह तस्वीर सरकारों के दावों की पोल खोलती है। आजादी के इतने साल बाद भी नीमच जिले के ऐसे कई गांव हैं, जहां जान जोखिम में डालकर अर्थी लेकर जाना पड़ती है।

वहीं इस मामले में कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजकुमार अहीर का कहना था यह पंचायत का जिम्मा है कि वहां की स्थिति ठीक करे। यह घटना शर्मनाक है। नीमच जिले में ऐसी घटना पहले भी घटती रही है। रतनगढ़ में एक शव को जलाने के लिए लकड़ी नहीं मिली तो उसे पानी में बहाया गया। वहीं एक बार एक दलित का शव जलाने के लिए लकड़ी नहीं मिली तो अर्थी घंटों श्मशान में पड़ी रही।

अहीर ने कहा कि वे इस मामले में कोई ठोस कदम उठाएंगे, वहीं कलेक्टर अजय गंगवार का कहना था कि पंचायत की बड़ी लापरवाही है। मैं तत्काल जिला पंचायत सीईओ को निर्देश देता हूं कि श्मशान जाने वाले रास्ते को सही करवाएं। वहां कोई स्टापडेम या पुल बनवाएं।