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Written By अरविंद शुक्ला
Last Updated :लखनऊ , गुरुवार, 30 अक्टूबर 2014 (17:55 IST)

नकली तंबाकू पाउच बनानी वाली गैंग का पर्दाफाश

Dileep_Kr_Jaiswal
लखनऊ। शनिवार को एसटीएफ ने प्रतिष्ठित ब्राण्ड की तम्बाकू के नकली पाउच बनाने वाले अर्न्तराज्यीय गैंग का पर्दाफाश किया है। बरामद नकली माल का बाजार मूल्य लगभग पन्द्रह लाख रुपए है।
 
एसटीएफ को प्रतिष्ठित ब्राण्डों की तम्बाकू के पाउचों का नकली माल तैयार करने वाले गैंग के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त हुई थी। डॉ. अरविन्द चतुर्वेदी, अपर पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया गया।

उन्हें ज्ञात हुआ कि लखनऊ में कुछ लोग तुलसी 00 एवं श्रीराम सुपर फास्ट तम्बाकू के नकली पाउच बड़े पैमाने पर बना रहे हैं। इसमें घटिया स्तर का कच्चा माल इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे एक ओर ऐसे ब्राण्डों का उपभोग करने वाले जनता के सामान्य व्यक्तियों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है और दूसरे ओर राज्य सरकार को लाखों रुपए के राजस्व की हानि पहुंचाई जा रही है।
 
डॉ. अरविन्द चतुर्वेदी, अपरपुलिस अधीक्षक द्वारा निरीक्षक पीके मिश्रा एवं उप निरीक्षक विमल गौतम को निर्देशित किया गया। बाजार में बिक रहे असली और नकली माल के पैकिंग मटेरियल में इतना अधिक साम्य था कि उन्हें सामान्य उपभोक्ता द्वारा पहचाना जाना लगभग असम्भव था। ऐसे लोग संगठित गिरोह बनाकर राज्य के बाहर अवैध सम्पर्क के माध्यम से कच्चा माल और छपे हुए रैपर मंगवा रहे थे और लखनऊ व आसपास के जनपदों के असली ब्राण्ड के रिटेलरों के माध्यम से यह माल बाजार में विक्रय किया जा रहा था।
 
इसी बीच 6 सितम्बर को प्रियदर्शनी कॉलोनी, थाना-मड़ियांव से एक किंवटल तुलसी 00 ब्राण्ड की नकली छपे हुए पाउच के रोल बरामद किए गए और गिरफ्तार दिलीप जायसवाल की निशांदेही पर अवैध रूप से चल रही फैक्‍टरी परिसर से अन्य अभियुक्तों के साथ-साथ बड़ीमात्रा में कच्चा माल, तैयार माल, पाउच, मैन्युफैक्चरिंग मशीन, पैकिंग मशीन एवं अन्य सामग्री बरामद हुई।
 
पूछताछ पर अभियुक्त दिलीप जायसवाल ने बताया कि वह पिछले कई वर्षों से पान मसाला तम्बाकू व गुटखा बेचने का कार्य कर रहा था। इसी दौरान उसे पता चला कि कुछ लोग प्रचलित ब्राण्डों का नकली पाउच बनाकर भारी मात्रा में पैसा कमा रहे हैं। इसी लालच में नकली माल बनाने के संयंत्र के बारे में जानकारी हासिल की। यह भी बताया कि उसने एक मकान किराए पर लिया है और उसमें मैन्युफैक्चरिंग, पैकिंग और स्टिचिंग की मशीनें लगाकर इस धन्धे को प्रारम्भ कर दिया गया। 
 
गुडडू सिंह यादव मशीन मैकेनिक और कच्चा माल लाने का काम करता था।दिलीप ने यह भी बताया कि ध्वज सिंह, बलराम उर्फ सूरज ब्राण्डेड माल के साथ-साथ उसका बनाया गया नकली माल भी भारी मात्रा में बेच लेते थे क्योंकि उन्हें नकली माल में ज्यादा मुनाफा होता था। ब्राण्डेड कम्पनियों के प्रतिनिधियों से बात करने पर ज्ञात हुआ कि कम्पनियां ब्राण्डेड माल बनाने पर लाखों रुपए का राजस्व कर के रूप में राज्य सरकार को देती हैं और इस प्रकार का नकली माल बनने पर यह क्षति सरकार की होती है।