मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की छात्र शाखा स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और नक्सली एआईएसए के सदस्यों ने राज्य में छात्र संघ चुनाव जल्द कराने की मांग को लेकर कोलकाता स्थित यादवपुर विश्वविद्यालय परिसर में शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु का घेराव किया तथा उनके वाहन की विंडस्क्रीन भी क्षतिग्रस्त कर दी। मंत्री वेस्ट बंगाल कॉलेज एंड यूनिवर्सिटी प्रोफेसर्स एसोसिएशन की वार्षिक आम बैठक में शामिल होने के लिए वहां आये थे।
बसु ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों से बात करने का प्रयास किया, लेकिन लगभग 100 छात्रों ने उन्हें घेर लिया और उनकी कार के विंडस्क्रीन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। छात्रों ने मंत्री को जूते दिखाए और उनके वाहन का पिछला शीशा भी तोड़ दिया।
मंत्री को बाद में सरकारी एसएसकेएम अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने बेचैनी की शिकायत की और कांच के टुकड़े लगने से उनके बाएं हाथ में भी चोट आई थी। मंत्री के सुरक्षाकर्मियों को उन्हें उनके वाहन तक पहुंचाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
बसु ने अस्पताल से निकलते समय संवाददाताओं से कहा, मुझे सीने में दर्द महसूस हुआ, इसलिए मैंने एक्स-रे करवाया। हालांकि, चिकित्सकों ने बताया कि कोई गंभीर चोट नहीं है। मेरे शरीर के ऊपरी हिस्से पर कुछ निशान थे, लेकिन ये गंभीर नहीं हैं।
उन्होंने सरकारी अस्पताल में जांच कराने के बाद कहा, मैं प्रदर्शनकारी छात्रों से बात करने के लिए तैयार था। यहां तक कि एसएफआई ने मुझे ज्ञापन भी सौंपा, लेकिन जब मैं दोबारा कार में बैठने वाला था, तो 100 से ज़्यादा प्रदर्शनकारी आक्रामक हो गए और उन्होंने मुझे घेर लिया। मैं कुलपति की मौजूदगी में भी पांच प्रतिनिधियों से बात करने को तैयार था, लेकिन वे सार्थक बातचीत नहीं चाहते थे। वे अराजकता चाहते थे। उन्होंने मेरे वाहन पर हमला करने की कोशिश की।
बसु ने कहा कि सभी प्रदर्शनकारी एसएफआई के नहीं थे, बल्कि परिसर में अन्य उग्र वामपंथी संगठनों के लोग भी सक्रिय हैं। डब्ल्यूबीसीयूपीए के अध्यक्ष बसु ने कहा कि वामपंथी छात्र संगठन का वास्तविक अलोकतांत्रिक, अनियंत्रित स्वरूप उनके प्रदर्शनों से उजागर हो गया, क्योंकि उन्होंने शिक्षण समुदाय के सदस्यों के खिलाफ नारे लगाए।
बसु ने कहा कि आज जिन लोगों ने देश के भगवाकरण का विरोध किया था, जिन्होंने लोकतंत्र के लिए लड़ने, फासीवाद के खिलाफ लड़ने के बड़े-बड़े दावे किए थे, उन्होंने आज फासीवादी ताकतों के साथ हाथ मिलाकर मेरे और शिक्षक समुदाय के सदस्यों के खिलाफ सिर्फ इसलिए प्रदर्शन किया, क्योंकि हम उनके दबाव और डराने-धमकाने के हथकंडों के आगे नहीं झुके।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, राम और बाम (बाएं और दाएं) ने परिसर में शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने के लिए हाथ मिला लिया है। उन्होंने हमारे एक सदस्य के साथ मारपीट की है।”
बसु ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों द्वारा हमला किए जाने से डब्ल्यूबीसीयूपीए के कई सदस्य घायल हो गए हैं।
एसएफआई की नेता कौशिकी भट्टाचार्य ने कहा कि छात्र केवल शिक्षा मंत्री से चर्चा करना चाहते थे और उनकी एकमात्र मांग थी कि छात्र संघ चुनाव जल्द से जल्द कराए जाएं।
उन्होंने कहा, हमने हिंसा का सहारा नहीं लिया। यह तृणमूल कांग्रेस के बाहरी लोग हैं, जिन्होंने परिसर में अपने कुछ समर्थकों के साथ मिलकर हमारे कार्यकर्ताओं पर हमला किया और हमारे खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। भाषा Edited by : Sudhir Sharma