शुक्रवार, 29 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. प्रादेशिक
  4. Devendra Fadnavis reviews the orders of the Thackeray government
Written By
Last Updated : मंगलवार, 26 जुलाई 2022 (19:38 IST)

फड़णवीस कर रहे ठाकरे सरकार के अंतिम दिनों में जारी आदेशों की समीक्षा

Devendra Fadnavis
मुं‍बई। महाराष्ट्र में सरकार बदलने के बाद नई सरकार की रीति-नीतियां भी लागू हो रही हैं। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने मंगलवार को कहा कि उद्धव ठाकरे नीत पिछली सरकार ने अपने अंतिम दिनों के दौरान 400 फैसले लिए और बजटीय आवंटन से 5 गुना ज्यादा कोष आवंटित कर दिया। इससे सरकारी खजाने पर गैरजरूरी बोझ पड़ेगा। एमवीए की गठबंधन सरकार की वैधता भी शक के दायरे में थी।
 
फड़णवीस ने कहा कि मुख्य रूप से विभिन्न विकास संबंधित कार्यों के लिए कोष आवंटन से संबंधित थे और तब लिए गए थे, जब महाविकास आघाड़ी (एमवीए) की गठबंधन सरकार शिवसेना में विद्रोह की वजह से अल्पमत में आ गई थी और और उसकी वैधता शक के दायरे में थी।
 
उन्होंने यहां मंत्रालय (सचिवालय) में बातचीत में कहा कि एकनाथ शिंदे-भाजपा की सरकार जल्दबाजी में लिए गए फैसलों की समीक्षा कर रही है ताकि सरकारी खजाने पर गैरजरूरी बोझ नहीं पड़े। भाजपा नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे नीत पिछली सरकार ने (अपने आखिरी दिनों में) 400 सरकारी आदेश जारी किए थे और बजटीय आवंटन से 5 गुना ज्यादा कोष आवंटित किया था। अगर हम आदेशों को लागू करते हैं तो सरकारी खजाने पर गैरजरूरी बोझ पड़ेगा।
 
30 जून को शपथ लेने के बाद से ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री फड़णवीस विभिन्न विभागों के कामकाज की समीक्षा कर रहे हैं और शिवसेना की अगुवाई वाली पिछली सरकार की ओर से जारी कई आदेश को रोक भी दिया है। इस कदम ने ठाकरे नीत शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस को नाराज किया है। इन तीनों दलों की गठबंधन सरकार का नेतृत्व ठाकरे कर रहे थे।
 
विधानसभा में विपक्ष के नेता राकांपा के अजीत पवार ने शिंदे से आग्रह किया कि वह सरकार के फैसलों पर मनमानी रोक नहीं लगाएं, क्योंकि ऐसे कदम कई विकास कार्यों को प्रभावित करेंगे। फड़णवीस ने कहा कि उस सरकार के लिए आदेश जारी करना सही नहीं था, जो सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी थी। (ठाकरे नीत एमवीए) सरकार अल्पमत में थी और उसे ऐसे फैसले नहीं करने चाहिए थे। इसलिए इन फैसलों की समीक्षा कर रहे हैं और तथ्यों के आधार पर अनुमति दे रहे हैं। ठाकरे ने शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना विधायकों की बगावत के बाद 29 जून को इस्तीफा दे दिया था।(भाषा)
ये भी पढ़ें
पीयूष गोयल बोले, भारी मन से लिया 19 विपक्षी सदस्यों को राज्यसभा से निलंबित करने का फैसला