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Last Modified: बेंगलुरु , शनिवार, 25 जनवरी 2025 (17:46 IST)

उत्तर भारतीयों पर लिखी पोस्ट हुई वायरल, सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस, जानिए क्‍या है विवाद...

Social media post
North Indians News : सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट को लेकर विवाद छिड़ गया है, जिसमें कहा गया है कि उत्तर भारतीयों के लिए बेंगलुरु बंद है। सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में एक सोशल मीडिया उपयोगकर्ता ने कहा, बेंगलुरु उन उत्तर भारतीयों के लिए बंद है, जो कन्नड़ सीखना नहीं चाहते। अगर वे भाषा और संस्कृति का सम्मान नहीं कर सकते तो उन्हें बेंगलुरु आने की जरूरत नहीं है। पोस्ट ने काफी ध्यान आकर्षित किया है, जिसे 115,000 से ज्यादा बार देखा गया, 198 बार रिपोस्ट किया गया और 1,839 बार लाइक किया गया।
 
बब्रुवाहन (@परमात्मा) द्वारा हाल ही में की गई पोस्ट ने काफी ध्यान आकर्षित किया है, जिसे 115,000 से ज्यादा बार देखा गया, 198 बार रिपोस्ट किया गया और 1,839 बार लाइक किया गया। खुद को बेंगलुरु का प्रवासी बताने वाले एक सोशल मीडिया उपयोगकर्ता ने इस पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह पोस्ट थोड़ी कठोर लग सकती है।
उसने कहा, लेकिन जब भी मैं बेंगलुरु में लोगों को कन्नड़ को एक आदिवासी भाषा बताकर पूरी तरह से नजरअंदाज करते हुए और यहां तक ​​कि कॉर्पोरेट कार्यालयों में भी कन्नड़ बोलने वालों को अनपढ़ समझते हुए देखता हूं, तो मुझे बहुत दुख होता है। कन्नड़ एक असाधारण समृद्ध भाषा है, जिसे साहित्य अकादमी और ज्ञानपीठ पुरस्कार समेत सबसे अधिक साहित्यिक पुरस्कार मिले हैं।
 
सोशल मीडिया उपयोगकर्ता ने कहा कि अब समय आ गया है कि कन्नड़ लोग नकारात्मक रूप में लेने के बजाय सकारात्मक तरीके से कन्नड़ गौरव के लिए आंदोलन खड़ा करें। उसने कहा, अपनी भाषा और संस्कृति पर गर्व करने में कोई अंधराष्ट्रवाद नहीं है।
एक अन्य सोशल मीडिया उपयोगकर्ता ने एक अलग दृष्टिकोण व्यक्त करते हुए कहा कि बेंगलुरु आज दूसरे राज्यों के मेहनती लोगों की वजह से अस्तित्व में है, जिन्होंने इसके विकास में योगदान दिया। उसने कहा, आज बेंगलुरु दूसरे राज्यों से आए मेहनती लोगों की वजह से यहां तक पहुंचा है, जिन्होंने इस शहर के विकास के लिए बहुत प्रयास किए हैं। इसे मत भूलिए!
 
उसने कहा, अब जब सब कुछ बन गया है, तो क्या आप चाहते हैं कि दूसरे लोग यहां से चले जाएं? कन्नड़ लोगों और कर्नाटक सरकार पर शर्म आती है कि वे हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। एक अन्य उपयोगकर्ता ने कन्नड़ सीखने पर सहमति जताते हुए मांग की कि राज्य सरकार कार्यालयों में कन्नड़ पढ़ाने के लिए अच्छे शिक्षकों की नियुक्ति करे।
सोशल मीडिया उपयोगकर्ता ने कहा, ठीक है, मैं सीख लूंगा, लेकिन अपनी सरकार से कहें कि वह एप्लीकेशन विकसित करने के लिए कन्नड़ कोड भाषा का उपयोग करें और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि उसे कार्यालयों में पढ़ाने के लिए अच्छे कन्नड़ शिक्षकों को नियुक्त करने के लिए कहें। साथ ही, अपनी सरकार से कहें कि वह अन्य सभी राज्यों के लोगों को उनके राज्यों में वापस भेज दे। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour