सीएजी ने की परियोजना में देरी पर गुजरात सरकार की खिंचाई
अहमदाबाद। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने तटीय क्षेत्रों में लवणता के फैलाव पर नियंत्रण के लिए गुजरात सरकार के प्रयासों पर असंतोष व्यक्त किया है। सीएजी ने कहा कि विभिन्न कार्यों के क्रियान्वयन में देरी से परियोजना की लागत 455 फीसदी बढ़ गई। लवणता प्रसार रोकथाम योजना (एसआईपीएस) पर सीएजी की रिपोर्ट बुधवार को राज्य विधानसभा में पेश की गई।
रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 40 साल पहले एक उच्चस्तरीय समिति की ओर से की गई सिफारिश के बाद भी सरकार ने इस बाबत कोई कानून नहीं बनाया। सीएजी ने कहा कि राज्य सरकार ने 1976 और 1978 में 2 उच्चस्तरीय समितियों का गठन किया था ताकि समस्या का अध्ययन करके उचित कदम सुझाए जाएं और तटीय इलाकों में भूमि की तरफ समुद्री जल के प्रवेश से भूजल को प्रभावित होने से रोका जा सके।
दोनों उच्चस्तरीय समितियों ने 1978 और 1984 के बीच अपनी रिपोर्ट सौंपी जिसमें विभिन्न सिफारिशें की गई थीं। बाद के वर्षों में गुजरात सरकार ने उन सभी रिपोर्टों को स्वीकार कर लिया था। (भाषा)