मंत्री हरक ने CM धामी को बताया अपना छोटा भाई, साथ किया रात्रि भोजन
देहरादून। कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत की मंत्री पद से इस्तीफे की धमकी के बाद से पूरे घटनाक्रम से हैरान सरकार को तब राहत मिली जब मंत्री हरक सिंह रावत मुख्यमंत्री के साथ डिनर टेबल पर बैठे और उनकी अधिकांश मांग मानी गई। डैमेज कंट्रोल में जुटी सरकार और भाजपा संगठन को आखिर 24 घंटे बाद हरक को मनाने में कामयाबी मिल पाई।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ हरक सिंह रावत ने रात्रि भोजन किया।
भोजन की टेबल पर कोटद्वार मेडिकल कॉलेज को लेकर बड़ा फैसला हो गया। जिसके तहत मेडिकल कॉलेज की प्रथम किस्त के रूप में 25 करोड़ रुपए जारी किए जाएंगे। इस बैठक के बाद हरक सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपना छोटा भाई बताया और विशाल हृदय का व्यक्ति बताया।ऐसे में लग रहा है कि बात बन गई है।
इसके बाद पार्टी को हो चुके डैमेज कंट्रोल करने के लिए हरक सिंह रावत की ओर से एक वीडियो जारी कराया जिसमें हरक सिंह कह रहे हैं कि पुष्कर ने उनके हर बुरे वक्त में एक छोटे भाई की तरह उनका पूरा सहयोग किया। उनके बारे में कोई कुछ भी कहे पर उनका 35 साल का सियासी अनुभव कहता है कि वे कहीं गलत नहीं हैं। पुष्कर करुणा के अवतार हैं।
हरक सिंह रावत ने वीडियो पर बात करते हुए यह भी बताया कि कोटद्वार से चुनाव लड़ें या नहीं लेकिन कोटद्वार को महत्वपूर्ण मेडिकल कॉलेज की सौगात मिलनी चाहिए थी।इसको लेकर बात आगे नहीं बढ़ रही थी तो मेरी नाराजगी बढ़ गई।शनिवार सुबह हालांकि सरकार और संगठन की ओर से दावा किया गया कि हरक की नाराजगी दूर कर ली गई है, लेकिन उनके मीडिया से दूरी बनाने और सामने न आने से तमाम तरह के संशय भी गहराने लगे थे।
शाम करीब सात बजे मंत्री हरक सिंह अपने करीबी विधायक उमेश शर्मा काऊ के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत भी उपस्थित थे।शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जनप्रतिनिधि के सामने अपने क्षेत्र के विकास का दबाव होता है।
इसी क्रम में हरक सिंह रावत की नाराजगी दूर कर दी गई है। कोटद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए राशि जारी कर दी गई है। इससे पहले विधायक उमेश शर्मा काऊ ने बताया कि रात में हरक सिंह रावत की पार्टी के केंद्रीय नेताओं और मुख्यमंत्री से भी बात कराई गई।रविवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के देहरादून दौरे से पूर्व इस मामले के हुए पटाक्षेप ने पार्टी को राहत उपलब्ध कराई है।