Yamuna flood waters : यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण ताजनगरी की धड़कन बढ़ गई है। यमुना का जलस्तर बढ़ने से विश्व प्रसिद्ध ताजमहल पर भी संकट के बादल मंडराते दिखाई दे रहे हैं। ताजमहल के बैक साइड में बह रही यमुना नदी का पानी ताजमहल की बाउंड्री वॉल छूने लगा है और उसके किनारे बना दशहरा घाट पानी में डूब गया है। 45 साल बाद यमुना का पानी ताजमहल तक पहुंचा है।
अंतिम संस्कार पर लगी रोक : ताजमहल के पास बने शमशान घाट में पानी भरने के चलते वहां अंतिम संस्कार पर रोक लगा दी गई है।
सोमवार को यमुना नदी का जलस्तर 497.20 फुट तक पहुंच गया। पानी को स्थिति को देखते ताजमहल पर बने ताजव्यू पॉइंट को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है, क्योंकि ताजव्यू में भी यमुना का पानी प्रवेश पा चुका है। ताजमहल की सुरक्षा के लिए पिछले हिस्से के महताब में बनी ताज पुलिस चौकी में भी पानी भर गया। इसके चलते वहां तैनात पुलिसकर्मी को अस्थायी चौकी पर शिफ्ट किया जा रहा हैं।
स्थानीय लोगों में फैला डर : यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर को देखकर स्थानीय लोग डरे हुए हैं और उनका कहना है कि डेढ़ दशक पहले इतना पानी देखा गया था। पिछले तीन दिनों से धीमी गति के साथ युमना का जलस्तर बढ़ता जा रहा है, यदि यही स्थिति बनी रही तो यमुना के निकट बसे एक दर्जन से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ जाएंगे। हालांकि पानी की स्थिति को देखते हुए ग्रामीणों को अलर्ट कर दिया गया है कि वे सुरक्षित स्थान पर अपना डेरा जमा लें। यमुना नदी में हर एक घंटे बाद जलस्तर बढ़ने के चलते वह लो फ्लड लेवल को पार चुका है। जलस्तर ऊपर की तरफ बढ़ने के कारण ताजमहल की दीवार तक पहुंच गया है।
लगाई बांस की बल्लियां : ताजमहल के पास बना दशहरा घाट जलमग्न हो चुका है और वहां बांस बल्लियां लगा दी गई हैं। पुलिस बल पर्यटकों को दशहरा घाट जाने से रोक रहे हैं।
आगरा में यमुना के किनारे पर ताजमहल, एत्माद्दौला, मेहताब बाग, चीनी का रोजा, रामबाग समेत कई स्मारक बने हुए हैं। सोमवार की सुबह यमुना का जल स्तर लो फ्लड लेवल 497.30 फुट से ऊपर हो गया, जबकि यह रविवार को 495 फुट था। जलस्तर बढ़ने के कारण यमुना किनारे बने स्मारक प्रभावित हुए बगैर नहीं रहे सकते है।
कैलाश मंदिर तक पहुंचा पानी : ताजमहल के पार्श्व में यमुना किनारे बनाए गए उद्यान, प्राचीन कैलाश मंदिर के अंदर भी यमुना का पानी पहुंच गया है। यमुना किनारे बनी 28 रिहायशी कॉलोनियों भी बाढ़ प्रभावित हो सकती है, जिसके चलते आगरा प्रशासन द्वारा मुनादी करवाई जा रही है कि क्षेत्रवासी अलर्ट रहें, क्योंकि जलस्तर 497.30 फुट पहुंच चुका है, जो मीडियम फ्लड लेवल से 2 फुट नीचे है। यमुना का हाई ब्लड लेवल 508 फुट पर है।
45 साल बाद दिखा रौद्र रूप : आगरा में सन् 1978 में बाढ़ आई थी, तब फ्लड लेवल 508 था। उस समय भी ताजमहल की दीवार पर पानी पहुंच गया था। कई गांव और यमुना किनारे बसीं कई कॉलोनियां बाढ़ की चपेट में आ गई थीं।
आज फिर से एक बार वही स्थिति उत्पन्न हो गई है। यमुना के किनारे बसी रिहायशी सोसायटी से सावधान रहने के लिए प्रशासन ने नोटिस लगा कर अपील की है कि वे सुरक्षित स्थान पर कूच कर लें।
सोमवार में ओखला बैराज से 92035 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जबकि गोकुल बैराज से यमुना नदी में 148063 क्यूसेक पानी यमुना नदी में छोड़ा गया है। जो आगरावासियों के लिए खतरे की घंटी है। Edited By : Sudhir Sharma