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Written By भाषा
Last Modified: देहरादून/दिल्ली , सोमवार, 19 मार्च 2012 (00:40 IST)

उत्तराखंड में कांग्रेस का संकट खत्म

उत्तराखंड में कांग्रेस का संकट खत्म -
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हफ्ते भर तक चली सियासी जंग के बाद कांग्रेस में समझौता करीब-करीब हो गया है। बताया यह जा रहा है कि भले ही कांग्रेस हाईकमान ने हरीश रावत को भरोसे में लिए बिना विजय बहुगुणा को सीएम घोषित कर दिया लेकिन इस समझौते में पूरी तरह से हरीश रावत की ही चली है।

हरीश रावत की ओर से पहले अपनी पत्नी रेणुका रावत को राज्यसभा भेजने का प्रस्ताव किया गया था, लेकिन अब वह अपने खेमे के पूर्व मंत्री व इस चुनाव में लोहाघाट सीट से हारे महेंद्रसिंह मेहरा को राज्यसभा भेजने पर राजी हो गए हैं। इतना ही नहीं सूत्रों के मुताबिक हरीश रावत खेमे ने कांग्रेस को इस बात के लिए भी झुकाया है कि विधानसभा अध्यक्ष भी उनके खेमे में से ही किसी नेता को बनाया जाएगा।

सूत्र इस पद के लिए रावत खेमे में से गोविंदसिंह कुंजवाल का नाम ले रहे हैं। इतना ही नहीं समझौता इस बात के लिए भी हुआ है कि हरीश रावत गुट के कम से कम चार नेताओं को कैबिनेट में जगह दी जाएगी। यह भी चर्चा है कि कांग्रेस ने हरीश रावत को भविष्य में मुख्यमंत्री बनाने का भी भरोसा दिलाया है।

दिल्ली में हुए इस कथित गुप्त समझौते के बाद देहरादून में भी कांग्रेसी खुश नजर आए। बीते कई दिनों से उत्तराखंड में कांग्रेस के दोनों गुटों के नेता एक दूसरे के खिलाफ प्रदर्शन और कैंडल मार्च तक निकाल रहे थे।

राजनीति के पंडितों का मानना है कि हरीश रावत न सिर्फ आलाकमान को झुकाने में कामयाब रहे बल्कि उन्होंने अपनी ताकत का अहसास भी करा दिया है। दोनों पक्षों के बीच हुई इस सुलह के बाद अब माना जा रहा है कि विधायकों के शपथ लेने का सिलसिला भी 19 मार्च से शुरू हो जाएगा।

उधर रावत ने यह बयान भी दिया है कि उनका इरादा राज्य सरकार को अस्थिर करने का कतई नहीं है। इस बयान से ऐसा लग रहा है कि अब रावत, बहुगुणा सरकार के प्रति आक्रामक रुख फिलहाल छोड़ देंगे। (वेबदुनिया)