गुरुवार, 28 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. विधानसभा चुनाव 2018
  3. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018
  4. Rajasthan assembly elections
Written By
Last Modified: गुरुवार, 11 अक्टूबर 2018 (13:31 IST)

मेवाड़ वागड पर होगा वर्चस्व को लेकर संघर्ष, रणनीति बनाने में जुटे भाजपा और कांग्रेस

मेवाड़ वागड पर होगा वर्चस्व को लेकर संघर्ष, रणनीति बनाने में जुटे भाजपा और कांग्रेस - Rajasthan assembly elections
उदयपुर। राजस्थान की राजनीति में अह्म भूमिका निभाने वाला आदिवासी बहुल मेवाड़ वागड पर आगामी विधानसभा चुनावों में वर्चस्व स्थापित करने हेतु दोनों प्रमुख राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी एवं कांग्रेस कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। राज्य में विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने के साथ ही दोनों पार्टी उदयपुर संभाग में अधिक से अधिक सीटें हासिल करने की रणनीति बनाने में जुट गई हैं।


गत विधानसभा चुनाव में जहां भाजपा मेवाड़ वागड के रण में सूरमा बनकर निकली हो और कांग्रेस भले ही धराशाही हो गई, लेकिन इस बार यहां मुकाबला रोचक और कड़े संघर्ष का होने के आसार हैं। कांग्रेस के पास संभाग की 28 में से मात्र दो सीटें हैं तो 25 पर भाजपा का कब्जा है और एक सीट निर्दलयी के पास है।

आजादी के बाद राजस्थान में मुख्यमंत्री के पद पर सबसे अधिक काबिज रहने वाले नेताओं में उदयपुर संभाग का दबदबा रहा है। आधुनिक राजस्थान के निर्माता मोहनलाल सुखाडिया लगातार 17 वर्षों तक मुख्यमंत्री बने रहे, जबकि हरिदेव जोशी तीन बार एवं एक बार हीरालाल देवपुरा ने मुख्यमंत्री बनकर राज्य के मुखिया के रूप में सेवा दी।

सामान्यत: यह देखा गया है कि जिस दल ने मेवाड़ वागड को जीत लिया, राज्य की सत्ता पर कब्जा उसका ही हो जाएगा। इसी के तहत मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मेवाड़ के प्रमुख तीर्थधाम भगवान चारभुजा जी के यहां से वर्ष 2003 में परिवर्तन यात्रा एवं गत चार अगस्त को राजस्थान गौरव यात्रा की शुरुआत कर चुनावी शंखनाद किया था।

कांग्रेस पार्टी भी इसमें पीछे नहीं रही और राज्य में पार्टी का चुनाव अभियान शुरू करने हेतु मेवाड़ को ही चुना तथा चित्तौड़गढ़ में भगवान सांवलियाजी के यहां से महासंकल्प यात्रा का श्रीगणेश किया। (वार्ता) 
ये भी पढ़ें
स्वामी ने कहा- पुतिन साबित करें कि वे भारत के दोस्त हैं, सोनिया के बारे में मांगी खास जानकारी