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Last Updated : शुक्रवार, 20 दिसंबर 2024 (13:00 IST)

महाकुंभ 2025 के आकर्षण में 'रुद्राक्ष वाले बाबा' गीतानंद गिरि, 45 किलो की रुद्राक्ष की माला करते हैं धारण

बाबा ज्ञान और तपस्या से लोगों को मार्गदर्शन देते हैं

महाकुंभ 2025 के आकर्षण में 'रुद्राक्ष वाले बाबा' गीतानंद गिरि, 45 किलो की रुद्राक्ष की माला करते हैं धारण - Rudraksha Baba Geetanand Giri
Prayagraj Maha Kumbh 2025: प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 (Prayagraj Maha Kumbh 2025) में एक विशेष आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं 'रुद्राक्ष वाले बाबा' के नाम से प्रसिद्ध साधु संत गीतानंद गिरिजी (Rudraksha Baba Geetanand Giri)। इनका पहनावा और साधना दोनों ही भक्तों के लिए अद्वितीय हैं।
 
45 किलो की रुद्राक्ष की माला : बाबा गीतानंद गिरिजी 45 किलो की रुद्राक्ष की माला धारण करते हैं, जो उनके अद्भुत तप और साधना को दर्शाता है। उनका संकल्प था कि वे 1.25 लाख रुद्राक्ष धारण करेंगे और इसी उद्देश्य से उन्होंने अपने जीवन को रुद्राक्ष की साधना में समर्पित कर दिया।
 
बाबा गीतानंद गिरि की माला में हर रुद्राक्ष का एक विशिष्ट महत्व : बाबा गीतानंद गिरि की माला में हर रुद्राक्ष का एक विशिष्ट महत्व है। यह रुद्राक्ष न केवल साधक के लिए आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक है बल्कि इनके पहनने से मानसिक शांति, स्वास्थ्य में सुधार और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है।
 
श्रद्धालुओं के लिए एक दिव्य अनुभव : बाबा गीतानंद गिरिजी की उपस्थिति महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए एक दिव्य अनुभव बन चुकी है। वे अपने ज्ञान और तपस्या से लोगों को मार्गदर्शन देते हैं और उनके दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ जुटती है।
 
महाकुंभ में बाबा की उपस्थिति ने इस धार्मिक आयोजन को और भी खास बना दिया है। भक्तों के बीच उनकी रुद्राक्ष से जुड़ीं कथाएं और अनुभव चर्चा का विषय बन चुकी हैं। इनकी साधना और भक्ति को देखकर श्रद्धालु प्रेरित हो रहे हैं और जीवन में साधना के महत्व को समझ रहे हैं।
 
Edited by: Ravindra Gupta