महाकुंभ 2025 में भगदड़ के अगले ही दिन सेक्टर 22 में भीषण आग, कई पंडाल जलकर राख!
महाकुंभ 2025 में भगदड़ के अगले ही दिन सेक्टर 22 में भीषण आग लगी। कई पंडाल जलकर राख हो गए। जानें पूरी खबर और आग लगने के कारण।
महाकुंभ 2025 में भगदड़ की घटना के अगले ही दिन गुरुवार को सेक्टर 22 में एक भीषण आग लग गई। इस आग में कई पंडाल जलकर राख हो गए। फायर ब्रिगेड की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। सौभाग्य से, आग लगने के समय वहां कोई मौजूद नहीं था, इसलिए किसी जनहानि की सूचना नहीं है। हालांकि, आग लगने के सही कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है।
चीफ फायर ऑफिसर प्रमोद कुमार शर्मा ने बताया कि सेक्टर 22 में आग लगने की सूचना मिलते ही कई दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं और आग पर काबू पा लिया गया। उन्होंने कहा, "आग लगने का सही कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है, लेकिन शॉर्ट सर्किट को संभावित वजह माना जा रहा है।"
पहले भी लग चुकी है आग
यह महाकुंभ में लगी दूसरी बड़ी आग की घटना है। इससे पहले 19 जनवरी की शाम को शास्त्री ब्रिज के नीचे सेक्टर नंबर 19 में गीता प्रेस के कैंप में आग लगी थी। उस घटना में गीता प्रेस के 170 कॉटेज जलकर राख हो गए थे। करीब 45 दमकल की गाड़ियों ने कड़ी मेहनत के बाद आग पर काबू पाया था। उस समय आग लगने का कारण खाना बनाते समय लापरवाही बताया गया था।
इस घटना के बाद मेला प्रशासन ने सुरक्षा को लेकर कड़े कदम उठाए थे। छोटे सिलेंडर जब्त किए गए थे और आग से बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाया गया था। लेकिन, इसके बावजूद एक बार फिर आग लगने की घटना ने मेला प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मेला प्रशासन की चुनौती
महाकुंभ में लाखों श्रद्धालुओं की उपस्थिति के कारण सुरक्षा और आग से बचाव के उपायों को लेकर मेला प्रशासन पर दबाव बना हुआ है। इस ताजा घटना के बाद प्रशासन ने एक बार फिर सभी कैंपों और पंडालों में सुरक्षा जांच शुरू कर दी है।
मेला प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे आग से बचाव के नियमों का पालन करें और किसी भी प्रकार की लापरवाही से बचें। साथ ही, आग लगने की स्थिति में तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचित करें।
अब तक का स्थिति
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सेक्टर 22 में कई पंडाल जलकर राख हो गए।
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फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पा लिया है।
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किसी जनहानि की सूचना नहीं है।
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आग लगने का सही कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है।
महाकुंभ में आग की यह दूसरी बड़ी घटना है, जिसने प्रशासन की चुनौतियों को बढ़ा दिया है। अब देखना यह है कि प्रशासन आगे की सुरक्षा को लेकर क्या कदम उठाता है और कैसे श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।