इस मैच के नतीजे के बाद क्वार्टर फाइनल में पहुंची भारतीय हॉकी टीम
बेल्जियम और ऑट्रेलिया जैसी कड़ी टीमों के खिलाफ भिड़ने से पहले ही भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने क्वॉर्टरफाइनल में जगह बना ली। पहले मैच में न्यूजीलैंड पर 3 . 2 से मिली जीत में हरमनप्रीत ने 59वें मिनट में पेनल्टी स्ट्रोक पर विजयी गोल दागा था। वहीं रियो ओलंपिक चैम्पियन अर्जेंटीना के खिलाफ सोमवार को 59वें मिनट में ही उन्होंने पेनल्टी कॉर्नर तब्दील करके भारत को हार से बचाते हुए मैच 1 . 1 से ड्रॉ कराया था।मंगलवार को भी आयरलैंड के खिलाफ दोनों गोल हरमनप्रीत की हॉकी स्टिक से आए।
इस जीत से भारत के तीन मैच में सात अंक हो गए हैं। बेल्जियम और ऑस्ट्रेलिया भी पूल बी में अजेय हैं और दोनों के छह-छह अंक हैं। दोनों मंगलवार को आमने-सामने होंगे।प्रत्येक पूल से 4 टीम क्वार्टर फाइनल में जगह बनाएंगी।
पूल बी से क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने वाली चौथी टीम के लिए मुकाबला अर्जेन्टीना और न्यूजीलैंड के बीच था।इस मैच ने भारत के लिए अंतिम 8 में जगह पक्की कर दी।
अर्जेन्टीना ने न्यूजीलैंड को 2-0 से हराया जिससे उसके चार अंक हो गए हैं। न्यूजीलैंड और आयरलैंड दोनों ने अभी खाता नहीं खोला है और अंकों के आधार पर भारत को नहीं पछाड़ सकते जिससे भारतीय टीम ने क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली है।अगर न्यूजीलैंड अर्जेंटीना को हरा देता तो अंतिम 2 स्थानों के लिए भारत, न्यूजीलैंड और अर्जेंटीना के बीच में त्रिकोणीय मुकाबला होता और शायद गोल दागने और खाने का बहीखाता खुलता।
भारत अब दो अगस्त को आस्ट्रेलिया से भिड़ेगा।
डिफेंडर जरमनप्रीत सिंह ने कहा, हमें दूसरे हाफ में इतने सारे पेनल्टी कॉर्नर नहीं होने देने चाहिए थे। हमें इस पर काम करना होगा। लेकिन साथ ही हमने एक भी गोल नहीं खाया और यह हमारा पेनल्टी कॉर्नर डिफेंस बयां करता है। लेकिन हम इतने पेनल्टी कॉर्नर नहीं गंवा सकते।
सुखजीत ने कहा कि टीम को दूसरे हाफ में गेंद को नियंत्रित करने में संघर्ष करना पड़ा।
उन्होंने कहा, हम तीसरे क्वार्टर में गेंद को नियंत्रित नहीं कर सके और उन्होंने इसका पूरा फायदा उठाया। उनकी टीम अच्छी है, हमें वापसी की उम्मीद थी। फिर भी हमने अंतिम क्वार्टर में बेहतर प्रदर्शन किया।
पिछले मैच में औसत प्रदर्शन करने वाले अनुभवी मिडफील्डर मनप्रीत सिंह और हार्दिक सिंह ने आज बेहतरीन खेल दिखाया और कई अच्छे मूव बनाये । भारत ने पहली बार पहले क्वार्टर में गोल करके बढत बनाई जबकि पिछले दो मैचों में पहला गोल विरोधी टीम ने किया था ।
इस जीत के बावजूद पेनल्टी कॉर्नर गंवाने की भारत की कमजोरी तीसरे क्वार्टर में फिर उजागर हुई । पहले दो मैचों में 13 पेनल्टी कॉर्नर गंवाने वाली भारतीय टीम ने हाफटाइम तक एक भी पेनल्टी कॉर्नर नहीं गंवाया लेकिन तीसरे क्वार्टर में आठ पेनल्टी कॉर्नर गंवाये जिसने गोलकीपर श्रीजेश को व्यस्त रखा ।