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Written By WD Sports Desk
Last Updated : शुक्रवार, 5 जुलाई 2024 (18:17 IST)

अब हॉकी टीम देगी जश्न का मौका, पेरिस ओलंपिक से पहले कप्तान हरमनप्रीत की हुंकार

क्रिकेट टीम की जीत पर गर्व , अब हमारी बारी : हॉकी कप्तान हरमनप्रीत

अब हॉकी टीम देगी जश्न का मौका, पेरिस ओलंपिक से पहले कप्तान हरमनप्रीत की हुंकार - Harmanpreet Singh feels now Hockey will bring laurel for the country in Paris Olympics
टी20 विश्व कप में भारतीय टीम की शानदार जीत पर भारतीय हॉकी कप्तान हरमनप्रीत सिंह को गर्व है और उनका वादा है कि पेरिस ओलंपिक में उनकी टीम भी देशवासियों को फिर इसी तरह से जश्न मनाने का मौका देगी।

रोहित शर्मा की कप्तानी वाली भारतीय क्रिकेट टीम ने आईसीसी खिताब के लिये 11 साल का इंतजार खत्म करते हुए बारबडोस में दक्षिण अफ्रीका को हराकर टी20 विश्व कप जीता। चैम्पियन टीम का स्वेदश लौटने पर पलक पांवड़े बिछाकर अभूतपूर्व स्वागत किया गया।

इस महीने के आखिर में होने वाले पेरिस ओलंपिक की तैयारियों के लिये शिविर में मसरूफ भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत ने (भाषा) को दिये विशेष इंटरव्यू में कहा ,‘‘ एक खिलाड़ी होने के नाते बड़े टूर्नामेंट में जाना और अच्छा प्रदर्शन करके विश्व कप जीतना, उससे बड़ी कोई बात नहीं है। पूरा देश आपके साथ झूम रहा है। इससे बड़ी गर्व की बात क्या हो सकती है।’’
बतौर कप्तान पहला लेकिन कैरियर का तीसरा ओलंपिक खेलने जा रहे 28 वर्ष के इस ड्रैग फ्लिकर ने कहा ,‘‘ हमारी भी यही कोशिश है कि ओलंपिक जाकर पदक जीते और स्वर्ण पदक जीतकर देशवासियों को यही खुशी फिर से दें। देश के साथ इन पलों को हम भी जियें। मेरे लिये इससे बड़ी गर्व की बात नहीं होगी।’’

उन्होंने भारतीय कप्तान रोहित शर्मा की तारीफ करते हुए कहा,‘‘ पिछले साल वनडे विश्व कप फाइनल हारने के बाद उन्होंने टी20 विश्व कप जीता जो बहुत बड़ी बात है। रोहित का भी काफी लंबा सफर रहा है और उन्होंने कई उतार चढाव देखें हैं। पूरे देश को और हमें भी उन पर गर्व है।’’

तोक्यो ओलंपिक में 41 साल बाद पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे हरमनप्रीत ने कहा,‘‘ जब तोक्यो में हमने 41 साल बाद पदक जीता तो हॉकी के लिये यह टॉनिक की तरह रहा। इस बार हमारी जिम्मेदारी बढी है और सभी को पता है कि उस पदक के बाद कितना प्यार और सम्मान मिला है ।’’

उन्होंने कहा कि तोक्यो ओलंपिक के सफर का हर पल उन्हें आज भी याद है और ताउम्र नहीं भूलेगा।उन्होंने कहा ,‘‘ पदक जीतने का अहसास कभी नहीं भुलाया जा सकता। टीम में जो नये खिलाड़ी आयें हैं , हम उनके साथ अपना अनुभव बांटते हैं कि ओलंपिक पदक जीतना आसान नहीं होता। वे भी ध्यान से सुनते हैं और पूरे जोश से मेहनत करते हैं।’’
भारतीय हॉकी के ‘ कैप्टन कूल’ कहे जाने वाले पंजाब के इस फुल बैक ने कहा कि इससे उन्हें सही फैसले लेने में मदद मिलती है।उन्होंने कहा ,‘‘एक कप्तान के तौर पर काफी जिम्मेदारी रहती है और मैदान पर शांतचित्त रहेंगे तो ही दूसरों की मदद कर पायेंगे। मेरी भी यही कोशिश रहती है कि मैच में और अभ्यास के दौरान भी कूल रहूं और खिलाड़ियों को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिये प्रेरित करूं।’’

भारत के लिये 219 मैचों में 188 गोल कर चुके हरमनप्रीत ने रियो ओलंपिक (2016) में एक भी गोल नहीं किया था लेकिन तोक्यो में छह गोल किये जिसमें जर्मनी के खिलाफ कांस्य पदक के प्लेआफ मुकाबले में बराबरी का गोल शामिल है।

ओलंपिक के अपने सफर के बारे में उन्होंने कहा ,‘‘ मैं 2016 में जूनियर टीम में भी था और ओलंपिक खेलने का मौका मिला तो गर्व का पल था लेकिन हम ओलंपिक में अच्छा नहीं खेल सके। उसके बाद से सफर शुरू हुआ। पिछले ओलंपिक में अच्छा प्रदर्शन रहा और पेरिस में भी इसे जारी रखना चाहूंगा।’’

पिछले कुछ अर्से में खासकर प्रो लीग में भारत का प्रदर्शन अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा और कप्तान ने भी इसे स्वीकार किया।उन्होंने कहा ,‘‘ प्रो लीग में हमारा फोकस विरोधी टीम का विश्लेषण करना और अपनी तरकश के सारे तीर नहीं खोलने पर था। इसमें सभी ड्रैग फ्लिकर को मौका मिला । अच्छा प्रदर्शन रहा लेकिन बेहतर कर सकते थे।’’

विश्व के सर्वश्रेष्ठ ड्रैग फ्लिकर में शुमार इस खिलाड़ी ने कहा ,‘‘ हमारे पास पीसी डिफेंस के लिये सर्वश्रेष्ठ रशर और गोलकीपर है लेकिन फिर भी ड्रैग फ्लिक दिनोदिन मुश्किल होता जा रहा है। हमने इस पर मेहनत की है विरोधी टीम का विश्लेषण कर रहे हैं कि उनके फर्स्ट रशर कौन है , उनकी क्या तकनीक है और कैसे विविधता ला सकते हैं।’’

उन्होंने कहा कि इस बार फिटनेस और डिफेंस ढांचे पर फोकस अधिक है जबकि डी के भीतर फिनिशिंग पर भी काफी काम किया गया है।भारत को ओलंपिक में कठिन पूल मिला है जिसमें आस्ट्रेलिया, बेल्जियम और अर्जेंटीना जैसे दिग्गज हैं लेकिन कप्तान इसका कोई दबाव नहीं लेते।

उन्होंने कहा ,‘‘ कोई दबाव नहीं है । ओलंपिक में कोई भी पूल हो , हर टीम और हर मैच महत्वपूर्ण है। पहला मैच न्यूजीलैंड से है और अभी फोकस उन्हीं पर रहेगा फिलहाल। मैच दर मैच प्रदर्शन बेहतर करना होगा। हम अपनी टीम पर फोकस कर रहे हैं और अपनी स्ट्रेंथ पर खेलेंगे।’’

पहली बार ओलंपिक खेलने जा रहे खिलाड़ियों को भी बतौर कप्तान उन्होंने समझाया है कि खेलगांव की चकाचौंध से फोकस नहीं भटकाना है।उन्होंने कहा ,‘‘ हम अपना अनुभव उनके साथ साझा करते हैं। खेलगांव में काफी चकाचौंध रहती है। उन्हें बताया है कि रिकवरी का ध्यान रखना है क्योंकि लगातार मैच है। उन्हें पता है कि पदक के लिये जा रहे हैं, सिर्फ खेलने नहीं।’’

उन्होंने देशवासियों से भी भारतीय हॉकी पर भरोसा बनाये रखने की अपील करते हुए कहा,‘‘ मैं इतना ही कहूंगा कि पहले दिन से आप हमारे साथ हो और हमने भी हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश की है। इस बार भी पहले से आखिरी मैच तक अपना शत प्रतिशत देंगे। अपना भरोसा हम पर बनाये रखें। हम आपको निराश नहीं करेंग।’’