गुरुवार, 28 मार्च 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. अन्य त्योहार
  4. Vishnu Mantra for devuthani ekadashi
Written By

देव प्रबोधिनी एकादशी 2019 : भगवान विष्णु के असरकारी मंत्र, करेंगे हर संकट का अंत

देव प्रबोधिनी एकादशी 2019 : भगवान विष्णु के असरकारी मंत्र, करेंगे हर संकट का अंत - Vishnu Mantra for devuthani ekadashi
देव प्रबोधिनी एकादशी को देवउठनी ग्यारस और देव उत्थान एकादशी भी कहा जाता है। माना जाता है कि इस दिन देवता गण के उठने से मांगलिक कार्यों का शुभारंभ हो जाता है। इस एकादशी को सभी एकादशी में बड़ी और पवित्र माना गया है। इस दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न किया जाता है। एकादशी पर अवश्य पढ़ें भगवान विष्णु के सरलतम मंत्र-  
 
 
* भगवान विष्णु का स्मरण कर 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' इस द्वादश मंत्र का जाप करें।
* लक्ष्मी विनायक मंत्र - 
 
दन्ताभये चक्र दरो दधानं,
कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।
धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया
लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।
* विष्णु के पंचरूप मंत्र - 
 
ॐ अं वासुदेवाय नम:
ॐ आं संकर्षणाय नम:
ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:
ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:
ॐ नारायणाय नम:
* गुम वस्तु की कामना को उच्चारण कर भगवान विष्‍णु के सुदर्शन चक्रधारी रूप का ध्यान करें एवं इस मंत्र का विश्वासपूर्वक जप करें।
 
- ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान।
यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।। 
* सरल जाप - 
 
ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि। 
* धन संपन्नता व दरिद्रता से मुक्ति की कामना का मंत्र 
 
- ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि। ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।
* शीघ्र फलदायी मंत्र 
 
- श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे।
  हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
 
- ॐ नारायणाय विद्महे।
 वासुदेवाय धीमहि।
 तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
 
- ॐ विष्णवे नम:
* एकादशी संकल्प मंत्र 
 
 सत्यस्थ: सत्यसंकल्प: सत्यवित् सत्यदस्तथा।
 धर्मो धर्मी च कर्मी च सर्वकर्मविवर्जित:।।
 कर्मकर्ता च कर्मैव क्रिया कार्यं तथैव च।
 श्रीपतिर्नृपति: श्रीमान् सर्वस्यपतिरूर्जित:।।
* एकादशी विष्णु क्षमा मंत्र 
 
भक्तस्तुतो भक्तपर: कीर्तिद: कीर्तिवर्धन:।
  कीर्तिर्दीप्ति: क्षमाकान्तिर्भक्तश्चैव दया परा।।
* भगवान विष्णु को प्रसन्न करने का मंत्र - 
 
सुप्ते त्वयि जगन्नाथ जगत सुप्तं भवेदिदम।
विबुद्धे त्वयि बुध्येत जगत सर्वं चराचरम।
* प्रचलित विष्‍णु मंत्र 
त्वमेव माता, च पिता त्वमेव 
त्वमेव बंधु च सखा त्वमेव
त्वमेव विद्या च द्रविडम त्वमेव
त्वमेव सर्वम मम देव देव 
* दिव्य स्वरूप विष्णु मंत्र 
 
शांताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं 
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभांगम
लक्ष्मीकांतं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं 
वंदे विष्‍णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्।। 
ये भी पढ़ें
EID E MILAD UN NABI : इस्लाम धर्म के संस्थापक हजरत मुहम्मद सल्ल. का जन्मदिन