शुक्रवार, 15 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. अन्य त्योहार
  4. sheetla mata pujan kaise karen
Written By

बसौड़ा पर्व : यश बढ़ाती हैं, गलत राह पर जाने से बचाती हैं मां शीतला

बसौड़ा पर्व : यश बढ़ाती हैं, गलत राह पर जाने से बचाती हैं मां शीतला - sheetla mata pujan kaise karen
मां शीतला को समर्पित बसौड़ा पर्व को शीतला सप्तमी कहा जाता है, मतातंर से कुछ लोग इसे अष्टमी के दिन बनाते हैं। रोगों को दूर करने वाली मां शीतला का वास वट वृक्ष में माना जाता है, अतः इस दिन वट पूजन भी किया जाता है। इस दिन घर में चूल्हा नहीं जलता है और न ही घर में ताजाभोजन बनाया जाता है। एक दिन पूर्व भोजन बनाकर रख दिया जाता है और अगले दिन शीतला पूजन के उपरांत सभी बासी भोजन ग्रहण करते हैं। यह ऐसा व्रत है जिसमें बासी भोजन चढ़ाया व ग्रहण किया जाता है। 
 
मां शीतला स्वच्छता की अधिष्ठात्री देवी हैं। सभी शीतल वस्तुओं पर इनका आधिपत्य है। मां शीतला को पथवारी भी कहते हैं। देवी मां रास्ते में भक्तों को सुरक्षित रख पथभ्रष्ट होने से बचाती हैं। गलत मार्ग पर जाने से पहले अदृश्य रूप से चेतावनी देती हैं। बसौड़ा वाले दिन सुबह ठंडे पानी से नहाना चाहिए, जिन माताओं के बच्चे अभी माता का दूध पीते हो उन्हें बसौड़ा के दिन नहाना नहीं चाहिए। 
 
इस व्रत से संकटों से मुक्ति मिलती है, यश-कीर्ति-मान-सम्मान में वृद्धि होती है। इस दिन विशेष ध्यान रखें कि परिवार का कोई भी सदस्य गलती से भी गरम भोजन न ग्रहण करें। गुड़गांव में मां शीतला का मंदिर है। महाभारत काल में गुरु द्रोणाचार्य यहीं पर कौरव और पांडवों को अस्त्र-शस्त्र विद्या का ज्ञान दिया करते थे। 
ये भी पढ़ें
सुहागिनों का पवित्र पर्व गणगौर शुरू, 8 अप्रैल को मनेगी गणगौर तीज, होगा शिव-पार्वती का पूजन