संकटनाशन गणेश स्तोत्र : करेगा हर संकट दूर, चतुर्थी के दिन अवश्य पढ़ें
हर माह की चतुर्थी तिथि के दिन भगवान श्री गणेश का पूजन-अर्चन करके उन्हें प्रसन्न किया जाता है। अगर आप भी जीवन में संकट के दौर से गुजर रहे हैं तो आपको खास तौर पर चतुर्थी के दिन श्री नारदपुराण से लिए गए इस संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए। यहां पढ़ें सम्पूर्ण पाठ-
।।संकटनाशन गणेश स्तोत्र।। Sankatanashak Ganesh Stotram
प्रणम्यं शिरसा देव गौरीपुत्रं विनायकम।
भक्तावासं: स्मरैनित्यंमायु:कामार्थसिद्धये।।1।।
प्रथमं वक्रतुंडंच एकदंतं द्वितीयकम।
तृतीयं कृष्णं पिङा्क्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम।।2।।
लम्बोदरं पंचमं च षष्ठं विकटमेव च।
सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्ण तथाष्टकम् ।।3।।
नवमं भालचन्द्रं च दशमं तु विनायकम।
एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम।।4।।
द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्य य: पठेन्नर:।
न च विघ्नभयं तस्य सर्वासिद्धिकरं प्रभो।।5।।
विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम्।
पुत्रार्थी लभते पुत्रान् मोक्षार्थी लभते गतिम् ।।6।।
जपेद्वगणपतिस्तोत्रं षड्भिर्मासै: फलं लभेत्।
संवत्सरेण सिद्धिं च लभते नात्र संशय: ।।7।।
अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वां य: समर्पयेत।
तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादत:।।8।।
॥ इति श्रीनारदपुराणे संकष्टनाशनं गणेशस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥