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Radhashtami 2021
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धन, ज्ञान और शांति के लिए गुरु पूर्णिमा पर करें ये 7 उपाय, दूर होंगी सारी बाधाएं
महर्षि वेदव्यास के जन्मोत्सव पर आजमाएं ये उपाय, मिलेगा गुरु का आशीर्वाद
गुरु पूर्णिमा 2025: सोच समझकर लें गुरु दीक्षा, जानिए सच्चे गुरु की पहचान
हिन्दू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास की पूर्णिमा को आषाढ़ी और गुरु पूर्णिमा कहा जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 10 जुलाई 2025 गुरुवार को पूर्णिमा तिथि रहेगी। गुरु पूर्णिमा महर्षि वेद व्यासजी की जयंती की रूप में भी मनाई जाती है। यदि आपने किसी को गुरु बना रखा है या बनाने का सोच रहे हैं तो जानिए कि आप सही मार्ग पर हैं या नहीं। अधिकांश ऐसे हैं जो अंधे भक्त हैं, तो स्वाभाविक ही है कि उनके गुरु भी अंधे ही होंगे। माना जा सकता है कि वर्तमान में तो अंधे गुरुओं की जमात है, जो ज्यादा से ज्यादा भक्त बटोरने में लगी है।
हरियाली अमावस्या कब है, जानिए पितृ दोष मुक्ति के 5 अचूक उपाय
Hariyali Amavasya 2025: हिन्दू धार्मिक मान्यता के अनुसार श्रावण मास की अमावस्या के दिन की गई साधना से मानसिक शांति, आध्यात्मिक लाभ और पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है। हरियाली अमावस्या पर पितृ तर्पण, दान, शिव-पूजा, पौधारोपण और स्तोत्रों का पाठ जैसे उपाय अपनाकर पितृ दोष से मुक्ति पाई जा सकती है। आइए जानते हैं...
गुरु पूर्णिमा: प्राचीन भारत के 14 महान गुरु जिन्होंने दिया धर्म और देश को बहुत कुछ
भारत में गुरु के बगैर मोक्ष के मार्ग पर चलना मुश्किल माना गया है। प्राचीन काल से ही भारत में गुरु और शिष्य की परंपरा रही है। प्रथम गुरु शिवजी को माना गया है जिनके सात शिष्य थे जो बाद में सप्त ऋषि कहलाए। इसी गुरु शिष्य परंपरा के लिए ही महान गुरु वेद व्यास के जन्मदिन पर गुरु पूर्णिमा का उत्सव मनाया जाता है। इस दिन गुरु की पूजा होती है। आओ जानते हैं भारत के 10 महान गुरुओं के बारे में।
गुरु का मिथुन राशि में उदय, 12 राशियों का राशिफल
guru uday ka fal 2025: इस वक्त बृहस्पति ग्रह मिथुन राशि में अतिचारी गोचर कर रहे हैं। बृहस्पति ग्रह पीछले माह 09 जून 2025 को मिथुन राशि में अस्त हो गए थे जो अब 09 जुलाई 2025 की रात 10 बजकर 50 मिनट पर उदित हो रहे हैं। बृहस्पति के उदय होने से 12 राशियों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा? जानिए आपकी राशि कौनसी है।
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यदि आप कावड़ यात्रा नहीं कर पा रहे हैं तो कैसे शिवजी पर जल अर्पित करें, जानिए
कावड़ यात्रा में कावड़िये दो मटकियों में किसी नदी या सरोवर का जल भरकर दूर किसी शिव मंदिर में शिवलिंग का उस जल से जलाभिषेक करते हैं। यात्रा प्रारंभ करने से पूर्ण होने तक का सफर पैदल ही तय किया जाता है। बहुत से लोग किसी न किसी कारणवश कावड़ यात्रा नहीं कर पाते हैं लेकिन उनके मन में रहता है कि वे भी इस यात्रा में शामिल हो। यदि आप भी यदि सोच रहे हैं तो जानिए कि कैसे शिवजी पर जल अर्पित करें कि कावड़ यात्रियों जैसा पुण्य प्राप्त करें। यानी यदि आप किसी कारणवश कांवड़ यात्रा नहीं कर पा रहे हैं, तो भी आप सच्ची श्रद्धा और भक्ति से अपने घर या नजदीकी शिव मंदिर में भगवान शिव को जल अर्पित कर सकते हैं।
सावन मास से इन 3 राशियों का शुरू होगा गोल्डन टाइम, बनने जा रहा है दुर्लभ संयोग
sawan maas ka rashifal 2025: 11 जुलाई से लेकर 9 अगस्त 2025 तक सावन का माह रहेगा। सावन माह में गुरु ग्रह का मिथुन राशि में उदय हो गया है। 13 जुलाई को शनिदेव मीन राशि में 138 दिनों के लिए वक्री चाल शुरू करेंगे। 16 जुलाई को सूर्य का कर्क राशि में गोचर होगा। 18 जुलाई को बुध कर्क में वक्री गति करेंगे। कर्क में सूर्य और बुध की युति से बुधादित्य योग बनेगा। शुक्र 29 जून से ही वृषभ में गोचर कर रहे हैं। इन सभी ग्रह गोचर के चलते 3 राशियों का गोल्डन टाइम शुरू होने जा रहा है।
आषाढ़ व्रत पूर्णिमा का क्या है महत्व, इन 5 उपायों से दूर होगी धन की समस्या
Powerful remedies on Guru Purnima: आज गुरु पूर्णिमा है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और दान करने का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इससे सभी पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। इसे वेदव्यास जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। आइए जानते हैं यहां गुरु पूर्णिमा का महत्व और उपाय...
गुरु और जीवन : अभिन्न हैं
गुरु पूर्णिमा साधक के लिए एक नया वर्ष है। यह वार्षिक रिपोर्ट कार्ड देखने का समय है- आप जीवन में कितने आगे बढ़े हैं और आप कितने अधिक स्थिर हैं। हमें बार-बार ज्ञान की ओर लौटने की आवश्यकता है; बुद्धि को ज्ञान में डुबाना होगा। यही सच्चा सत्संग है। सत्संग सत्य की संगति है, ज्ञानियों की संगति है
भविष्यवाणी: अब होने वाली है स्वर्ण युग की शुरुआत, जानिए श्रीकृष्ण ने माता गंगा से क्या कहा...
ब्रह्मवैवर्त पुराण में श्रीकृष्ण मां गंगा को बताते हैं कि कलियुग में एक स्वर्ण युग होगा जिसकी शुरुआत कलियुग के 5,000 वर्ष बाद होगी और यह सुनहरा युग अगले 10,000 वर्ष तक चलेगा। यह भविष्यवाणी भारत के संदर्भ में नहीं, बल्कि संपूर्ण धरती के संदर्भ में है। कलियुग के 5,000 वर्ष बीत चुके हैं और अब सभी ओर राजनीतिक शुद्धता और तकनीकी का युग शुरू हो चुका है। हर देश में क्रांति और आंदोलन हो रहे हैं। अब झूठ और फरेब ज्यादा दिन तक नहीं चलेगा।