Onam Festival 2021
इस संबंध में प्राचीन मान्यता है कि राजा बलि ओणम के दिन अपनी प्रजा से मिलने आते हैं। उन्हें यह सौभाग्य भगवान विष्णु से मिला था। उसके चलते समाज के लोग विष्णु जी की आराधना और पूजा करने के साथ ही अपने राजा का स्वागत भी करते हैं। ओणम पर्व का सबसे खास आकर्षण होता है साद्य। ओणम के दौरान खाए जाने वाले खाने को साद्य कहते हैं। कह सकते हैं कि साद्य के बिना ओणम अधूरा है। साद्य में विशेष और लजीज पकवानों से राजा बलि को प्रसन्न किया जाता है।
ओणम पर्व की मान्यता के अनुसार राजा बलि केरल के राजा थे, उनके राज्य में प्रजा बहुत सुखी व संपन्न थी, किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं थी, वे महादानी भी थे। उन्होंने अपने बल से तीनों लोकों को अपने कब्जे में ले लिया था।
इसी दौरान भगवान विष्णु वामन अवतार लेकर आए और तीन पग में उनका पूरा राज्य लेकर उनका उद्धार कर दिया। माना जाता है कि वे साल में एक बार अपनी प्रजा को देखने के लिए आते हैं। तब से केरल में हर साल राजा बलि के स्वागत में ओणम का पर्व मनाया जाता है।
ओणम केरल का खास पर्व है। मलयाली कैलेंडर कोलावर्षम के पहले महीने छिंगम यानी अगस्त-सितंबर के बीच ओणम मनाने की परंपरा कई समय से चली आ रही है। ओणम के पहले दिन को अथम कहते हैं। इस दिन से ही घर-घर में ओणम की तैयारियां प्रारंभ हो जाती हैं।
- आरके.
ओणम केरल का खास पर्व है। मलयाली कैलेंडर कोलावर्षम के पहले महीने छिंगम यानी अगस्त-सितंबर के बीच ओणम मनाने की परंपरा कई समय से चली आ रही है। ओणम के पहले दिन को अथम कहते हैं। इस दिन से ही घर-घर में ओणम की तैयारियां प्रारंभ हो जाती हैं।
- आरके.