भगवान नृसिंह विष्णुजी के सबसे उग्र अवतार माने जाते हैं। उनकी पूजा-आराधना यश, सुख, समृद्धि, पराक्रम, कीर्ति, सफलता और निर्बाध उन्नति देती है। नृसिंह मंत्र से तंत्र मंत्र बाधा, भूत पिशाच भय, अकाल मृत्यु, असाध्य रोग आदि से छुटकारा मिलता है तथा जीवन में शांति की प्राप्ति होती है।
पढ़ें अचूक मंत्र :
1. भगवान नृसिंह का बीज मंत्र : -
इसके लिए लाल रंग के आसन पर दक्षिणाभिमुख बैठकर रक्त चंदन या मूंगे की माला से नित्य एक हजार बार जप करने से लाभ मिलता है।
भगवान नृसिंह का बीज मंत्र - 'श्रौं'/ क्ष्रौं (नृसिंह बीज)।
इस बीज में क्ष् = नृसिंह, र् = ब्रह्म, औ = दिव्यतेजस्वी, एवं बिंदु = दुखहरण है। इस बीज मंत्र का अर्थ है ‘दिव्यतेजस्वी ब्रह्मस्वरूप श्री नृसिंह मेरे दुख दूर करें'।
संकटमोचन नृसिंह मंत्र :-
ध्याये न्नृसिंहं तरुणार्कनेत्रं सिताम्बुजातं ज्वलिताग्रिवक्त्रम्।
अनादिमध्यान्तमजं पुराणं परात्परेशं जगतां निधानम्।।
अगर आप कई संकटों से घिरे हुए हैं तो भगवान विष्णु या श्री नृसिंह प्रतिमा की पूजा करके उपरोक्त संकटमोचन नृसिंह मंत्र का स्मरण करें। निश्चित रूप से मुश्किल राह आसान होगी।
विशेष नृसिंह मंत्र :-
ॐ उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखम्।
नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्यु मृत्युं नमाम्यहम्॥
* नृम नृम नृम नर सिंहाय नमः ।
नियम:
जीवन में सर्वसिद्धि प्राप्ति के लिए 40 दिन में पांच लाख जप पूर्ण करें।
* चयनित मंत्र का प्रतिदिन रात्रि काल में जाप करें।
* मंत्र जप के दौरान नित्य देसी घी का दीपक जलाएं।
* 2 लड्डू, 2 लौंग, 2 मीठे पान और 1 नारियल भगवान नृसिंह को पहले और आखरी दिन भेंट चढ़ाएं।
* अगले दिन विष्णु मंदिर में उपरोक्त सामग्री चढ़ा दीजिए।
* अंतिम दिन दशांश हवन करें।
* अगर दशांश हवन संभव ना हो तो पचास हजार मंत्र संख्या और जपें।