ईसा मसीह के जी उठने की याद में दुनियाभर में ईसाई समुदाय के लोग ईस्टर संडे मनाते हैं। इस पावन अवसर पर इसके बारे में कुछ विचार-विमर्श करेंगे। आज से दो हजार साल पहले यरुशलम के एक पहाड़ के ऊपर बिना किसी कारण ईसा मसीह को क्रूस (सूली) पर चढ़ाकर मार डाला गया। मगर ईसा मसीह तीसरे दिन अपनी कब्र में से जी उठे। आज भी उनकी कब्र खुली है।
उन्होंने हमें दूसरों को क्षमा करने का संदेश दिया। हम विश्वास करते हैं कि समस्त मानव जाति के पापों का उद्धार करने के लिए उन्होंने क्रूस पर अपनी जान दी। मसीह पर विश्वास करने वालों को पापों से छुटकारा मिलता है।
ईस्टर संडे को ईसाई समुदाय के लोग गिरजाघरों में इकट्ठा होते हैं और जीवित प्रभु की आराधना (उपासना) स्तुति करते हैं और ईसा मसीह के जी उठने की खुशी में प्रभु भोज में भाग लेते हैं और एक-दूसरे को प्रभु ईशु के नाम पर शुभकामनाएँ देते हैं। ईस्टर भाईचारे और स्नेह का प्रतीक माना जाता है। इस पावन अवसर पर ईसाई समुदाय की ओर सबको हैप्पी ईस्टर।