60 प्रतिशत एथलीट ले रहे हैं प्रतिबंधित दवाएं
वैश्विक स्टेरायड कांड में शामिल और अब बंद हो चुकी बाल्को लैबोरेटरी के मालिक विक्टर कोंटे ने दावा किया कि ओलिंपिक खेलों में भाग ले रहे 60 प्रतिशत एथलीट प्रतिबंधित दवाएं ले रहे हैं। द टाइम्स समाचार पत्र ने स्टेरायड बांटने का षडयंत्र रचने के दोषी पाए जाने के बाद जेल की हवा खा चुके कोंटे के हवाले से कहा, लंदन ओलिंपिक में डोपिंग टेस्ट कार्यक्रम बेमानी है। वास्तव में इसका मकसद केवल इतना है, ताकि सबके सामने कहा जा सके कि लंदन ओलिंपिक में डोपिंग जांच पर सर्वाधिक धन खर्च किया गया और इस दौरान 6000 टेस्ट किए गए। कोंटे ने कहा, डोप टेस्ट ओलिंपिक से नौ महीने पहले किए जाने चाहिए थे, तभी इस बात का सही पता लगाया जा सकता था कि कौनसा खिलाडी प्रतिबंधित दवाएं ले रहा है। नौ महीने पहले प्रतिबंधित दवाएं लेकर उनका फायदा ओलिंपिक में लेना संभव है। उल्लेखनीय है कि वैज्ञानिकों ने लंदन के बाहरी इलाके में स्थित डोपिंगरोधी लैबोरेटरी में 6000 एथलीटों के नमूनों की जांच की है और 10000 से अधिक प्रतियोगिताओं में से किसी भी एथलीट का कभी भी टेस्ट लिया जा सकता है। डोपिंग के दोषी पाए जाने पर कई एथलीटों को ओलिंपिक से बाहर किया जा चुका है। (वार्ता)