• Webdunia Deals
  1. खेल-संसार
  2. »
  3. लंदन ओलिम्पिक 2012
  4. »
  5. ओलिम्पिक समाचार
  6. Olympic Updates In Hindi
Written By भाषा
Last Modified: लंदन , मंगलवार, 7 अगस्त 2012 (23:15 IST)

लंदन ओलिंपिक में दफन हुई भारतीय हॉकी

London Olympic Hockey, Indian Hockey, London Olympics 2012, London Olympics News Hindi | Olympic Updates In Hindi | लंदन ओलिंपिक में दफन हुई भारतीय हॉकी
FC
बेल्जियम ने भारत को आज 3-0 से रौंदकर भारतीय हॉकी की कब्र में अंतिम कील ठोक दी। भारत का लंदन ओलिंपिक की हॉकी प्रतियोगिता के गुप 'बी' में लीग मैचों का सफर हार के साथ शुरू हुआ और हार के साथ ही समाप्त हुआ। इसके साथ रिवर बैंक एरेना के ब्लू टर्फ पर भारतीय हॉकी दफन हो गई।

भारत का ओलिंपिक के इतिहास में यह सबसे शर्मनाक प्रदर्शन है। भारत अपने पांच मैचों में से एक भी मैच जीतना तो दूर कोई ड्रॉ भी नहीं करा पाया। भारत को डॉलैंड से 2-3 से, न्यूजीलैंड से 1-3 से, जर्मनी से 2-5 से, दक्षिण कोरिया से 1-4 से और बेल्जियम से 0-3 से हार का सामना करना पड़ा।

भारत ने लीग मैचों में सिर्फ छह गोल किए और उसके खिलाफ 18 गोल हुए। बेल्जियम इस जीत के साथ ग्रुप-बी में तीसरे नंबर पर पहुंच गया। बेल्जियम के लिए जेरोम डेकेसर ने 15वें मिनट में, गौथियर बोकार्ड ने 47वें मिनट और टॉम बून ने 67वें मिनट में गोल किए। भारत ने मैच में मौके दर मौके गंवाए। टूर्नामेंट का यह पहला मैच रहा जब भारत एक भी गोल नहीं कर पाया।

कभी संदीप सिंह का ड्रैग फ्लिक चूकता रहा तो कभी वी आर रघुनाथ का1 शिवेन्द्र सिंह और गुरविंदर सिंह चांडी सर्किल में पहुंचकर बार-बार लड़खड़ाते रहे और मौके गंवाते रहे। मैच का अंतिम नतीजा भारत की एक और शर्मनाक हार रहा। यह तो अच्छा रहा कि बेल्जियम ने कुछ मौके गंवा दिया वरना भारत की हार का अंतर कहीं बड़ा हो सकता था।

आठ बार के स्वर्ण विजेता भारत का इससे पहले ओलिंपिक में सबसे शर्मनाक प्रदर्शन 1996 के अटलांटा ओलिंपिक में था जब परगट सिंह की कप्तानी में भारतीय टीम आठवें स्थान पर रही थी।

भारत अब 11 से 12वें स्थान के लिए ग्रुप-ए की अंतिम स्थान पर रही टीम दक्षिण अफ्रीका से खेलेगा। दक्षिण अफ्रीका की टीम भारत से बेहतर रही क्योंकि खाते में कम से कम एक अंक तो रहा। अर्जेंटीना ने दक्षिण अफ्रीका को अंतिम लीग मैच में 6-3 से रौंदकर अपने ग्रुप में पांचवां स्थान हासिल किया।

इस हार के बाद अब 1986 के विश्वकप की कड़वी यादें फिर से ताजी हो गई हैं जब भारत आखिरी स्थान पर रहा था। लगातार पांच पराजयों के साथ यदि भारत 11वें और 12वें स्थान के मैच के लिए दक्षिण अफ्रीका को नहीं हरा पाया तो उसे 12वें स्थान की भयानक शर्मिंदगी से गुजरना होगा।

भारत पिछले बीजिंग ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाया था और इस बार फरवरी में दिल्ली में उसने क्वालीफाइंग टूर्नामेंट जीतकर जो उम्मीदें जगाई थीं वे रिवर बैंक एरेना में पहुंचकर जमींदोज हो गई।

भारतीय कोच माइकल नोब्स पहले ही हॉकी टीम के शर्मनाक प्रदर्शन के लिए माफी मांग चुके हैं और अब तो इस ऑस्ट्रेलियाई कोच के पास भारतीय टीम को लेकर कहने के लिए कुछ नहीं रह गया है।

हॉकी टीम पूरे टूर्नामेंट में देश के गौरव को तार-तार करती रही और बेल्जियम के हाथों हार के साथ भारतीय हॉकी ऐसे दफन हुई कि इससे उबरने के लिए उसे कई वर्ष लग जाएंगे। (भाषा)