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Written By वार्ता

राजनीति ने किया हॉकी टीम का बंटाढार- धनराज

राजनीति ने किया हॉकी टीम का बंटाढार- धनराज -
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पूर्व भारतीय कप्तान धनराज पिल्लै ने लंदन ओलिंपिक में हॉकी टीम के बेहद निराशाजनक प्रदर्शन पर बरसते हुए कहा कि हॉकी इंडिया और भारतीय हॉकी महासंघ (आईएचएफ) की लड़ाई तथा टीम चयन में राजनीति ने सारा बंटाढार कर दिया।

धनराज ने भारत में खेलों के प्रति समर्थन को लेकर 50 प्रमुख खिलाड़ियों के बीच कराए गए सर्वेक्षण (टेनविक्स रिपोर्ट) को जारी करने के मौके पर हॉकी टीम के प्रदर्शन को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की। इस अवसर पर पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान दिलीप वेंगसरकर, पूर्व फुटबॉलर आईएम विजयन, महिला क्रिकेट कप्तान अंजुम चोपड़ा और लंदन ओलिंपिक में खेलने वाली बैडमिंटन खिलाड़ी अश्विनी पोनप्पा मौजूद थीं।

अपने समय के मशहूर फॉरवर्ड और अपनी बेबाक टिप्पणियों के लिए माने जाने वाले धनराज ने कहा कि हमारे खिलाड़ियों ने ओलिंपिक से पहले बढ़-चढ़कर दावे किए थे कि हम इन खेलों में पता नहीं क्या कर दिखाएंगे, लेकिन वे अपना शत-प्रतिशत प्रदर्शन करना तो दूर 40-50 प्रतिशत तक भी नहीं पहुंच पाए।

धनराज ने कहा कि हॉकी इंडिया और आईएचएफ की लड़ाई में भी भारतीय हॉकी का बेड़ा गर्क किया जिसके चलते सात-आठ प्रमुख खिलाड़ी ओलिंपिक के लिए नहीं चुने जा सके। आप कैसे अर्जुन हलप्पा, विक्रम पिल्लै, प्रबोध टिर्की, दीपक ठाकुर, रोशन मिंज, प्रभजोत सिंह और राजपाल सिंह जैसे खिलाड़ियों को टीम से से बाहर रख सकते हैं।

उन्होंने कहा कि यह 1936 के ओलिंपिक से लेकर अब तक का हमारा सबसे खराब प्रदर्शन है कि हम लीग में पांचों के पांचों मैच हार गए। इस प्रदर्शन के लिए खिलाड़ियों पर भी जिम्मेदारी डाली जानी चाहिए जिन्होंने बड़े-बड़े दावे ठोके थे।

संदीप सिंह तो हर इंटरव्यू में कहते थे कि मैं हर मैच में दो-तीन गोल ठोंकूंगा, लेकिन ओलिंपिक में क्या हुआ, यह सबके सामने है। हर खिलाड़ी को मालूम होना चाहिए कि खेल से बड़ा कोई नहीं है। (वार्ता)