ओलिंपिक 2012 में लगभग सभी भारतीय बॉक्सरों पर गलत फैसले का डर हावी रहा। जहां मुकाबला जीतने के बाद भारतीय मुक्केबाज विकास कृष्णन को जीत कर भी हारा घोषित कर दिया गया वहीं प्रतिभाशाली मुक्केबाज सांगवान को अंक देने में हुई कंजूसी के चलते वो मुकाबला हार गए। मनोज कुमार के मैचों के फै़सलों को लेकर काफी विवाद हुआ है और विजेंदर के मुक़ाबले पर भी अंक देने के मामले में काफी बातें हुई।
महिला मुक्केबाजी को पहली बार ओलिंपिक में शामिल किया गया है और दुनिया की नंबर एक मुक्केबाज भारत की एमसी मैरीकॉम ने इस स्पर्धा में सेमीफाइनल में एक पदक तो पक्का कर ही दिया है।
उल्लेखनीय है कि मैरीकॉम के साथ खराब फैसले पहले भी हो चुके हैं। बीजिंग एशियाड के दौरान मैरीकॉम खराब रेफरल की शिकायत भी कर चुकी हैं।
इसीलिए जो सबसे बड़ा सवाल सता रहा है वह है कि कहीं भारत की मेग्निफिसेंट मैरी के साथ भी वही 'छल' तो नहीं दोहराया जाएगा। दरअसल मैरीकॉम का मुकाबला ब्रिटेन की मुक्केबाज निकोला एडम्स से है। उम्मीद की जानी चाहिए कि इस बार खेलों के इस महाकुंभ में भारत के साथ अन्याय नहीं होगा और हमारी मैरी भारत को सुनहरी सफलता दिलाएगी.... आमीन!!