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Written By ND

लता मंगेशकर छद्म नाम से देती थीं संगीत

लता मंगेशकर
अपनी आवाज के दम पर देश को वैश्विक पटल पर पहचान दिलाने वालीं लता मंगेशकर के बारे में कम ही लोग जानते होंगे कि वे गायिका की जगह संगीत निर्देशक बनना चाहती थीं। अपनी इसी चाहत के चलते उन्होंने कुछ फिल्मों में पुरुष के छद्म नाम से संगीत भी दिया था। लंदन की वृत्तचित्र निर्माता नसरीन मुन्नी कबीर की इस माह के अंत तक बाजार में आने वाली किताब 'लता मंगेशकर इन हर ऑन वॉइस' में लता ने अपनी इस चाहत का खुलासा किया है।

किताब में लता की कबीर से बातचीत के हवाले से लिखा है कि एक समय मैं सोचती थी कि मुझे भाई हृदयनाथ के साथ मिलकर शंकर-जयकिशन की जोड़ी की तरह संगीत निर्देशक का काम करना चाहिए, लेकिन भाई को विचार पसंद नहीं था इसलिए हमने इसे त्याग दिया। लता ने खुलासा किया है कि भाई ने ही उन्हें गायिका बनने के लिए प्रेरित किया।

किताब में बताया गया है कि लता पुरुष छद्म नाम आनंदघन से फिल्मों में संगीत देती थीं। लता ने कहा- कोई नहीं जानता था कि मैं संगीतकार हूँ, लेकिन जब 'साधी मानस ने 1966 में महाराष्ट्र सरकार के सर्वश्रेष्ठ संगीत समेत आठ पुरस्कार जीते तब समारोह के आयोजकों ने इस बात का खुलासा कर दिया कि आनंदघन कोई और नहीं बल्कि लता मंगेशकर ही हैं। इसके बाद मुझे सार्वजनिक रूप से सामने आकर पुरस्कार लेना पड़ा था।