सदियों पुरानी शस्तर का प्रशिक्षण
ब्रिटेन में वर्षों से कारखाने में काम कर रहे भारतीय मूल के एक व्यक्ति ने सदियों पुरानी सिख मार्शल आर्ट्स शस्तर विद्या को फिर से शुरू करने की कोशिश की है। 19 वीं सदी में ब्रिटिश उपनिवेशवाद के दौरान इस विद्या पर प्रतिबंध लगा दिया गया था क्योंकि यह बेहद खतरनाक हुआ करता था। ऐसे में शस्तर के बजाए सिखों को गटका सिखाया जाने लगा। आज भी कई समारोहों के दौरान गटका का प्रदर्शन ही देखने को मिलता है। 41 वर्षीय निडर सिंह निहंग ने इस विद्या को सिखाने के लिए एक छोटा-सा स्कूल खोला और देखते ही देखते सैंकड़ों लोग इसमें दिलचस्पी लेने लगे हैं। निडर सिंह का मानना है कि अगर शस्तर लोगों में प्रचलित नहीं किया गया तो अगले 50 वर्षों में यह कला पूरी तरह खत्म हो जाएगी।