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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , सोमवार, 27 फ़रवरी 2012 (00:07 IST)

‘सेक्सी’ ने बढ़ाई ममता की मुश्किल

सेक्सी
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राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा के शब्द ‘सेक्सी’ को लेकर दिए बयान को महिला कार्यकर्ताओं ने ‘गैर जिम्मेदाराना’ करार देते हुए उन्हें हटाने की मांग की है। ममता ने इन आलोचनाओं पर कहा है कि उनकी टिप्पणी ‘व्यापक संदर्भों’ में थी क्योंकि वे युवाओं को संबोधित कर रही थीं।

आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि मैं अपने रुख में सकारात्मक थी इसलिए मैंने कहा कि सेक्सी का मतलब होता है सुंदर। सभी को इसे सकारात्मक तरीके से लेना चाहिए। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पीयूसीएल की महासचिव कविता श्रीवास्तव ने कहा कि वे ममता शर्मा के रूप में जो चाहें कह सकती हैं, लेकिन राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रमुख के तौर पर वे इस तरह के हास्यास्पद बयान नहीं दे सकतीं।

कानून भी कहता है कि लैंगिक रंग-रूप वाले बयान महिलाओं के उत्पीड़न के मकसद से दिए गए होते हैं। उनके लिए बयान का कोई मतलब नहीं होता होगा, लेकिन हम इसे हिंसा को बढ़ावा देने के तौर पर देखते हैं। कविता ने कहा कि ममता शर्मा को अपने गैर जिम्मेदाराना बयान की नैतिक जिम्मेदारी स्वीकारते हुए पद छोड़ देना चाहिए।

ममता शर्मा ने शनिवार को जयपुर में एक समारोह में कहा था कि ‘सेक्सी’ शब्द को नकारात्मक परिप्रेक्ष्य में नहीं देखा जाना चाहिए।

राजस्थान के महिला संगठनों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि यह हैरत की बात है कि शर्मा इस बात पर टिप्पणी कर रही हैं कि महिलाओं और लड़कियों को सेक्सी शब्द को कैसे लेना चाहिए। हम दुखी हैं और उनके बयान से हैरान हैं।

भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने कहा कि भले ही बयान को लेकर कोई दुर्भावना नहीं हो लेकिन ऐसा बयान नहीं दिया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि खासतौर पर महिलाओं को इस तरह के बयान देते समय सावधानी बरतनी चाहिए।

घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए माकपा ने कहा कि इस विवाद में वास्तविक मुद्दा खो गया है। माकपा नेता वृंदा करात ने कहा कि कोई भी शब्द जो अनापेक्षित या अवांछित है और जो किसी महिला के लिए बोला जाता है तो उसे बोलना अपराध है। वास्तविक मुद्दा यह है, ना कि केवल शब्द मुद्दा है। (भाषा)