दुनिया के सबसे प्रभावशाली नेताओं में शुमार पीएम मोदी में ऐसा क्या है जो उन्हें नेताओं की भीड़ में सबसे अलग खड़ा कर देता है। इस सवाल का जवाब उनके हर प्रशंसक के पास है। भारतीय राजनीति में पिछले 10 सालों में केवल एक ही चेहरा प्रमुखता से दिखाई देता है। इस चेहरे ने भारत को न केवल आत्मनिर्भरता की सोच दी बल्कि विकास के पथ पर आगे बढ़ना भी सिखाया। मोदी के जन्मदिन (17 सितंबर) पर आइए जानते हैं उनमें क्या है खास...
1. ब्रांड मोदी : नरेंद्र मोदी की सबसे बड़ी खासियत ब्रांड मोदी ही है। मोदी चाहे 2001 से 2014 के बीच गुजरात के मुख्यमंत्री रहे हों या 2014 के चुनाव से पहले विपक्ष के पीएम पद के उम्मीदवार या देश के प्रधानमंत्री हर बार वे खुद को एक बड़े ब्रांड के रूप में स्थापित करने में सफल रहे हैं। चुनौती कितनी भी कठिन हो नरेंद्र मोदी ने खुद को कमजोर नहीं पड़ने दिया बल्कि हर बार पहले से ज्यादा मजबूत होकर उभरे। मोदी को अपनी बात कहना भी आता है, काम करना भी आता है और उस काम की ब्रांडिंग करने में तो उनकी कोई सानी ही नहीं है।
2. कूटनीतिक एक्सपर्ट : चाहे कोरोना से जंग हो या रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिका और रूस से संबंध, चीन की चुनौती हो या संयुक्त राष्ट्र की राजनीति नरेंद्र मोदी ने खुद को एक कूटनीतिक एक्सपर्ट के रूप में सफलतापूवर्क स्थापित किया है। अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में आज दुनिया भर के नेता पीएम मोदी से मिलने के लिए लालायित दिखाई देते हैं। सभी देश भारत से बेहतर संबंधों की चाह रखते हैं। भारत अब अमेरिका, चीन के आगे झुकता नहीं है। यह पीएम मोदी का ही साहस है कि भारत विपरीत परिस्थितियों में भी रूस से अपने संबंधों को जस्टीफाय करने में सफल रहता है।
3. नए आइडियाज की भरमार : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास ना तो जज्बे की कमी है और ना ही नए आइडियाज की। दुनिया उनके नए आइडिया की दुनिया कायल है। देश के विकास के लिए पीएम मोदी ने ना तो कभी अपने आइडिया को बताने में झिझक दिखाई और ना ही उसे कभी पिछले रास्ते से लागू करने की कोशिश की। उन्होंने देश की समस्याओं के समाधान के लिए लोगों से आइडिया भी मांगे। मन की बात से लेकर परीक्षा की बात तक चुनावी रैलियों से लेकर विभिन्न परियोजनाओं के उद्घाटन तक वे अपने इन्हीं आइडियाज से वे देश को एक नई दिशा देने का प्रयास कर रहे हैं। गोबर से CNG, स्वीट रिवॉल्यूशन, सी प्लेन सेवा, टूरिस्ट हब जैसे कई आइडियाज अब मूर्त रूप से चुके हैं।
4. विवादित मुद्दों से दूरी : नरेंद्र मोदी की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि उन्हें पता है कि किन मुद्दों पर बात करनी है और किस विषय पर चुप्पी साध लेनी है? वे 'मौका देखकर चौका मारने' में माहिर है। अपनी इसी खूबी की वजह से उन्होंने राहुल गांधी समेत कई राजनीतिक दिग्गजों को कई बार मात दी है। विपक्ष भले ही उन पर कितना भी दबाव बनाएं अगर किसी मुद्दे पर उन्होंने चुप रहने की ठान ली तो वे उस पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करते हैं।
5. प्लानिंग में एक्सपर्ट : पीएम मोदी प्लानिंग बनाने के साथ ही उसे सफलतापूर्वक अमलीजामा पहनाने में भी एक्सपर्ट है। नोटबंदी, जीएसटी, अयोध्या राम मंदिर, सरदार सरोवर बांध जैसे कई असाधारण कार्य उन्होंने अपने 10 साल के कार्यकाल में किए। इस दौरान वे आलोचनाओं से डिगे नहीं बल्कि सधे कदमों से आगे बढ़ते हुए निधार्रित लक्ष्य को हासिल किया।
6. ब्रांड बनाने में महारत : नरेंद्र मोदी खुद तो ब्रांड है ही वे ब्रांड बनाने में भी माहिर है। मेड इन इंडिया, मेक इन इंडिया, आत्मनिर्भर भारत जैसे कई ब्रांड उन्होंने देश में खड़े किए। इनकी बदौलत वे विदेशी निवेशकों को भी रिझाने में सफल रहे। भारत आज मंदी के दौर से दूर है तो इसका एक बड़ा कारण भारत का पैसा देश में ही रोटेट होना भी है। इसका श्रेय इनोवेशन, रिर्सच और डेवलपमेंट की दिशा में बढ़ते कदम और मोदी की दूरदर्शिता को ही जाता है।
7. युवाओं पर भरोसा : 74 साल के इस फायरब्रांड नेता को देश के युवाओं पर बहुत भरोसा है, उन्होंने सत्ता से लेकर संगठन तक युवाओं की एक ऐसी फौज खड़ी की है जिनके कंधों पर देश का भविष्य टिका हुआ है। मोदी ने अपने मंत्रिमंडल में युवा नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी। इसी पॉलिसी के बल पर भाजपा ने कई राज्यों में सीएम बदलें। अनुराग ठाकुर, पीयूष गोयल, किरन रिजिजू, भूपेंद्र चूड़ावत, पुष्कर धामी, हिमंता बिस्वा सरमा जैसे नेताओं के नाम इसी कड़ी में लिए जा सकते हैं।
8. हर वर्ग को जोड़ने की काबिलियत: बच्चे, महिलाएं, युवा, पिछड़े, अगड़े सभी वर्गों में समान रूप से लोकप्रिय हैं। वे जिस वर्ग के व्यक्ति से मिलते हैं उसे हमेशा के लिए खुद से जोड़ लेते हैं। संघ प्रचारक से लेकर प्रधानमंत्री बनने के सफर के दौरान प्रधानमंत्री जिससे भी मिले उसे अपने साथ जोड़ लिया। उसकी खुबियां को पहचान कर उसे जिम्मेदारी भी सौंपी। हर वर्ग के लिए उन्होंने योजनाएं बनाईं और लोगों से किए वादों को पूरा करने का भरसक प्रयास किया। पढ़ाई के बोझ तले दबे बच्चे हों या करियर के आसमान में उड़ने को तैयार युवा, पीएम ने सभी में उम्मीदों के रंग भरने की कोशिश की।
9. भाषण कला में महारत : नरेंद्र मोदी भाषण कला में माहिर माने जाते हैं। वार पलटवार में उनकी कोई सानी नहीं है। विपक्षी नेताओं की बात को पकड़कर वे उन्हें समुचित जवाब देते हैं। मोदी के प्रशंसक और आलोचक दोनों ही उन्हें सुनना पसंद करते हैं। हालांकि उन पर भी कई बार बातों को दोहराने के आरोप लगते हैं। मन की बात जैसे गैर राजनीतिक कार्यक्रमों में वे राजनीतिक विषयों पर बात नहीं करते।
10. दिल जीतने की क्षमता : पीएम मोदी जहां जाते हैं, वहां की भाषा और संस्कृति को आत्मसात करने का प्रयास करते हैं। अपनी इसी खूबी की वजह से वे बरबस ही सभी का दिल जीत लेते हैं। देश के साथ ही विदेशों में भी बेहद लोकप्रिय है। विदेश दौरों के दौरान सड़कों पर मोदी-मोदी के नारे लगना आम है। विदेश दौरे के दौरान वे वहां बसे भारतीयों से बात करना कभी नहीं भूलते। उनकी इसी आदत की वजह से मोदी इन लोगों में यह विश्वास जगाने में सफल रहे कि यह देश उनका अपना है।
मोदी देश में एक ऐसे चेहरे के रूप में उभरे हैं जो खुद अपने आप में सबसे बड़ा मुद्दा हैं। उन्होंने खुद को एक वर्सेटाइल पर्सनालिटी के रूप में प्रस्तुत किया है। इसी वजह से कई बार वे लोगों की आलोचनाओं का शिकार भी हुए। विपक्ष के साथ ही आम लोगों में भी मोदी को पसंद करने और नाराज होने के अपने कारण है। हालांकि मोदी राज में सब कुछ सकारात्मक ही रहा है, ऐसा नहीं है। किसान आंदोलन, CAA, NRC जैसे कई मामलों में उन्हें झटके भी लगे।