'सासू मां' की छूट से ‘दामादश्री’ बने सैकड़ों करोड़ के कारोबारी
नई दिल्ली। भाजपा ने पूरे गांधी परिवार को सीधे निशाने पर लेते हुए आज आरोप लगाया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा उपाध्यक्ष राहुल गांधी के प्रोत्साहन के बिना प्रियंका गांधी के पति रार्बट वाड्रा सैंकड़ों रुपयों का साम्राज्य खड़ा नहीं कर सकते थे। उसने सोनिया और राहुल से इस बात का जवाब देने की मांग की कि एक लाख की पूंजी से वाड्रा का सैंकड़ों रुपयों का कारोबार कैसे खड़ा हो गया।वाड्रा के बारे में पार्टी की ओर से ‘दामादजी’ नाम से जारी एक पुस्तिका में आरोप लगाया गया कि ‘सासू मां’ (सोनिया) ने अपने दामाद को पूरी छूट दे रखी है और वाड्रा ‘फर्जी लेन देन’ कर रहे हैं।पार्टी के लोकसभा चुनाव के प्रमुख मीडिया समन्वयक रविशंकर प्रसाद ने यहां भाजपा मुख्यालय में इस पुस्तिका को जारी करते हुए कहा कि तत्कालीन कांग्रेस शासित हरियाणा और राजस्थान सरकारों ने वाड्रा को बिना पूंजी निवेश के करोड़ों रूपयों के कारोबारी साम्राज्य को खड़ा करने में जो मदद दी है वह ‘शासकीय प्रोत्साहित पूंजीवाद’ (क्रोनी कैपिटलिज़म) का जीता जागता उदाहरण है।वाड्रा की पत्नी प्रियंका गांधी द्वारा भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी पर कड़ा प्रहार किए जाने के बाद मुख्य विपक्षी दल ने वाड्रा को निशाने पर लिया है। प्रियंका ने मोदी का नाम लिया बिना आज कहा है कि देश चलाने के लिए 56 इंच का सीना नहीं, बल्कि नैतिक बल और बड़ा दिल होना चाहिए।प्रसाद ने पलटवार में कहा, गांधी परिवार के एक सदस्य ने नैतिक बल और बड़े दिल की बात कही है। ‘तो वहीं बताएं कि किस नैतिक बल और बड़े दिल से राबर्ट वाड्रा ने बिना पैसा लगाए कुछ ही सालों में 300 करोड़ रुपयों से अधिक का साम्राज्य खड़ा कर लिया।’पार्टी की ओर से जारी ‘दामादजी’ शीषर्क वाली पुस्तिका में वाड्रा का ‘घोटालों का बादशाह’, ‘जमीन का कारोबारी या गुनहगार’ और ‘देश का सौदागर’ आदि उपमाओं के साथ उल्लेख किया गया है। इसमें कटाक्ष करते हुए कहा गया है, ‘जमीन से जुड़े नेता तो कई देखे लेकिन जमीन से जुड़ने का अनूठा तरीका अपना कर जमाईजी उसे अपने नाम करा लेते हैं। ..भाई-भतीजावाद पहले देखा था लेकिन अब दामादवाद की नई परंपरा शुरू हुई है।’ पुस्तिका में कहा गया, ‘हरियाणा में 54 और राजस्थान में 175 एकड़ से अधिक कृषि भूमि किसी को बेचने की अनुमति नहीं है मगर ‘दामादजी’ पर यह नियम लागू नहीं होता। जमीन के लिए जमीर बेच दिए गए। हरियाणा में वाड्रा और उनकी पत्नी के पास 147 एकड़ और राजस्थान में 1634 एकड़ भूमि है। लेकिन अब हम माफ नहीं करेंगे। इस चुनाव में देश की जनता माफ नहीं करेगी।’इसमें आरोप लगाया गया कि सोनिया गांधी से मिल रहे कथित ‘संरक्षण’ के कारण हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा और राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस आला कमान से राजनीतिक लाभ कमाने के लिए सारे नियम कानून ताक पर रख कर वाड्रा का कारोबार बढ़ाने में शासकीय प्रोत्साहन दिया।प्रसाद ने आरोप लगाया कि वाड्रा का कारोबार बढाने में मदद करने वाले इन प्रदेशों के अधिकारियोंे को भी रिटायरमेंट के बाद कई प्रमुख नियुक्तियों के रूप में ‘इनाम’ दिए गए।भाजपा नेता ने कहा कि वाड्रा में अगर वास्तव में इतनी उद्यमशीलता है कि वह बिना पूंजी निवेश के करोड़ों रूपए कमा सकते हैं तो वह उन राज्यों में ऐसा कुछ क्यों नहीं कर पाए जहां कांग्रेस शासन में नहीं है। (भाषा)