भावनगर : कोली समुदाय पर टिकीं भाजपा-कांग्रेस की निगाहें
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भावनगर (गुजरात)। दक्षिण-पूर्व गुजरात की भावनगर लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले में यहां ‘आप’ के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए कांग्रेस और भाजपा निर्णायक कोली समुदाय के मत अपनी ओर करने की भरसक कोशिश कर रही हैं।
भावनगर सीट पर 1991 से भाजपा ही जीतती आई है और वर्तमान सांसद राजेंद्रसिंह राणा पिछले 5 बार से इस सीट पर जीत का परचम लहराते आए हैं लेकिन पार्टी ने इस बार तलाजा सीट से मौजूदा विधायक एवं कोली नेता भारती सियाल को उम्मीदवार बनाने का निर्णय लिया है।
भावनगर के कुल 15.93 लाख मतदाताओं में से कोली समुदाय के सर्वाधिक 4.50 लाख मत हैं। इस समुदाय को रिझाने के लिए कांग्रेस ने भी कोली नेता प्रवीण राठौड़ को खड़ा किया है।
आम आदमी पार्टी ने भाजपा के पूर्व विधायक कानू कलसारिया को खड़ा किया है, जो अहीर समुदाय से संबंध रखते हैं। इस सीट पर जीत के लिए जहां कांग्रेस संप्रग सरकार की उपलब्धियों को गिना रही है वहीं भाजपा को विकास के गुजरात मॉडल और नरेन्द्र मोदी की ‘लहर’ का सहारा है।
भ्रष्टाचार विरोधी एजेंडे पर चुनाव लड़ रही ‘आप’ सभी जातियों एवं समुदायों के मत मिलने का दावा कर रही है। ‘आप’ को उम्मीद है कि प्रमुख दलों के कोली उम्मीदवारों को खड़ा करने से निराश अन्य समुदाय के लोग उसे समर्थन देंगे।
भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवार जहां स्थानीय के साथ राष्ट्रीय मुद्दों को उठा रहे हैं वहीं ‘आप’ उम्मीदवार कलसारिया ‘साठगांठ के पूंजीवाद’ और ‘भ्रष्टाचार’ उन्मूलन की बात कर रहे हैं।
भारती ने भावनगर सीट पर ‘आप’ के किसी बड़े प्रभाव को नकारते हुए कहा कि कानूभाई कलसारिया यहां कोई नुकसान नहीं कर सकते हैं, क्योंकि एक निकट सहयोगी मनहर बलदानिया हमारे साथ मिल गए हैं।
उन्होंने कोली समुदाय के मत उन्हें मिलने की उम्मीद जताई। राठौड़ ने कहा कि कोली समुदाय के 60 प्रतिशत से अधिक लोग उनके साथ हैं।
कलसारिया ने कहा कि जाति आधारित राजनीति लोकतंत्र के लिए एक बुराई है। उन्होंने (कांग्रेस और भाजपा) सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवार खड़े करने के बजाए कोली समुदाय के मौजूदा विधायकों को खड़ा किया है इसलिए क्षत्रिय समुदाय उनसे निराश है। (भाषा)