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Written By भाषा
Last Modified: इंदौर , मंगलवार, 13 मई 2014 (20:08 IST)

परिणाम तय करेंगे राहुल के 'प्राइमरी' की दिशा

परिणाम तय करेंगे राहुल के ''प्राइमरी'' की दिशा -
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इंदौर। लोकसभा चुनावों की 16 मई को होने वाली मतगणना के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से बाहर आने वाले नतीजे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा शुरू किए गए देशव्यापी प्रयोग 'प्राइमरी' की दिशा तय करेंगे।

कांग्रेस ने इस महत्वाकांक्षी प्रयोग के तहत मध्यप्रदेश में पार्टी के अंदरुनी चुनाव कराते हुए इंदौर और मंदसौर लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार तय किए थे।

कांग्रेस पदाधिकारियों ने ‘प्राइमरी’ के तहत हुए आंतरिक चुनावों के जरिए इंदौर लोकसभा सीट के लिए पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल (46) को पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुना था।

वैसे पटेल ने इंदौर सीट पर वरिष्ठ भाजपा नेता सुमित्रा महाजन (71) को लगातार दूसरी बार चुनावी टक्कर दी है, जो बतौर लोकसभा सांसद इस क्षेत्र की वर्ष 1989 से लगातार नुमाइंदगी करती आ रही हैं। सुमित्रा ने वर्ष 2009 के लोकसभा चुनावों में पटेल को 11480 मतों के नजदीकी अंतर से मात देकर लगातार सातवीं बार इंदौर सीट जीती थी।

इंदौर लोकसभा सीट पर भाजपा का 25 साल पुराना वर्चस्व मिटाने की मुश्किल चुनौती का सामना करने वाले पटेल ने कहा, मैंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के भरोसे पर खरा उतरने की कोशिश करते हुए पूरी ताकत से चुनाव लड़ा है और मतदाताओं के बीच अहम मुद्दे उठाए हैं। जनता की अदालत का फैसला 16 मई को सार्वजनिक होगा, जिसे मैं पूरी विनम्रता से स्वीकार करूंगा।

सियासी विश्लेषकों का अनुमान है कि इंदौर से लगातार आठवीं बार लोकसभा की चुनावी दौड़ में शामिल सुमित्रा को पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की लहर से खासा फायदा मिला है।

बहरहाल, इंदौर के चुनावी परिदृश्य में ‘मोदी लहर’ के वजूद को एक तरह से खारिज करते हुए पटेल कहते हैं, मीडिया हालांकि देश में मोदी लहर का दावा कर रहा है, लेकिन इंदौर लोकसभा सीट पर किसी भी उम्मीदवार की जीत उसकी पार्टी के किसी एक चेहरे की वजह से नहीं होगी।

मंदसौर लोकसभा क्षेत्र की निवर्तमान सांसद और कांग्रेस की मौजूदा राष्ट्रीय सचिव मीनाक्षी नटराजन (40) को भी ‘प्राइमरी’ प्रणाली के तहत इस सीट से पार्टी की उम्मीदवार चुना गया था।

मीनाक्षी ने वर्ष 2009 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के वरिष्ठ नेता और आठ बार के लोकसभा सांसद डॉ. लक्ष्मीनारायण पाण्डेय को 30819 मतों से मात देकर मंदसौर सीट जीती थी।

इस बार मीनाक्षी के मुख्य चुनावी प्रतिद्वन्द्वी भाजपा उम्मीदवार सुधीर गुप्ता (54) हैं। गुप्ता, भाजपा की मंदसौर जिला इकाई के अध्यक्ष हैं और उन्होंने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा है।

कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव को ‘प्राइमरी’ के तहत मंदसौर लोकसभा क्षेत्र की उम्मीदवार चुने जाने से इस सीट का चुनावी मुकाबला पार्टी के लिए और अहम हो गया है। हालांकि सियासी जानकारों का कयास है कि ‘मोदी लहर’ इस सीट के चुनाव परिणाम पर भी असर डाल सकती है।

राहुल ने अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की जनवरी में आयोजित बैठक के दौरान कहा था कि पार्टी ‘प्राइमरी’ के प्रयोग के तहत 15 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार तय करेगी। (भाषा)