दूरदर्शन ने मुझे 'ब्लैकआउट' कर रखा था : नरेन्द्र मोदी
नई दिल्ली। आश्चर्यजनक रूप से भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी सरकारी चैनल 'दूरदर्शन' के लिए एक घंटे तक चले इंटरव्यू में खुलकर बातचीत की और अपने विचार व्यक्त किए। 60 मिनट में मोदी ने अपने दिल की कई ऐसी बातें भी बताई, जो अब तक वे किसी से साझा नहीं कर सके थे। मोदी ने यह भी कहा कि दूरदर्शन ने तो मुझे अभी तक 'ब्लैकआउट' कर रखा था... यूं तो आज इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का जमाना है और टीवी से लेकर ट्विटर तक मोदी ही सुर्खियों में हैं। प्रायवेट चैनलों पर मोदी का इंटरव्यू आना कोई अनोखी बात नहीं है लेकिन उनका सरकारी कहे जाने वाले टीवी चैनल 'दूरदर्शन' पर आना हैरतअंगेज है और भी पूरे एक घंटे तक अपनी बात साझा करना, चौंकाने वाला है।मोदी ने इस मौके को भरपूर भुनाया भी और कह दिया कि मुझे खुशी है कि मैं दूरदर्शन पर आया वरना उसने तो अभी तक मुझे ब्लैकआउट कर रखा था। मैं गुजरात का मुख्यमंत्री हूं और गुजरात भी दूरदर्शन को भरपूर राजस्व देता है लेकिन दूरदर्शन ने मुख्यमंत्री से ही दूरियां बनाकर रखी हुई थी। मुझे अच्छा लगा कि ये दूरियां कुछ तो कम हुई, वो भी तब जबकि लोकसभा चुनाव का आधे से अधिक चरण पूरे हो चुके हैं।
मोदी को कवरेज देने की हिमाकत का राज...अगले पन्ने पर पढ़िये.
दूरदर्शन पर मोदी का आना वाकई आश्चर्यजनक है, वो भी तब, जबकि भाजपा ही नहीं मोदी के मुंह से गांधी परिवार और उनके दामाद राबर्ट वाड्रा पर आग के गोले बरसाए जा रहे हो। ऐसा महसूस होता है कि दूरदर्शन के अधिकारी भी आचार संहिता का फायदा उठाकर मोदी को कवरेज देने की हिमाकत करने से नहीं चूके क्योंकि अभी उन पर कोई बंधन तो है नहीं और न ही गांधी फैमेली के प्रति कोई जवाबदेही...यह भी लगता है कि दूरदर्शन को भी देशभर में मोदी सरकार की लहर देखकर लगने लगा हो कि कहीं वाकई मोदी प्रधानमंत्री की कुर्सी पर आसीन हो गए तब वे उन्हें 'ब्लैकआउट' रखने का क्या जवाब देंगे?, बहरहाल, ये अच्छी बात रही कि मोदी को मोदी दूरदर्शन पर आए और देश के कोने कोने तक अपनी आवाज पहुंचाने में सफल रहे।मोदी ने भी जान बूझकर दूरदर्शन को इंटरव्यू के लिए पूरे एक घंटे का वक्त इसलिए भी दिया क्योंकि वे जानते हैं कि दूरदर्शन की पहुंच गांव-गांव तक है और वे अपनी बात उन ग्रामीण मतदाता तक पहुंचा सकते हैं, जिन्हें शहर से कोई वास्ता नहीं रहता।मोदी ने वर्तमान में चल रहे गांधी परिवार के प्रसंग के साथ ही वाड्रा के बारे में भी बातें की। तब न तो उनके चेहरे पर कोई तैश था और न ही दिल में किसी तरह का मलाल। वे बहुत शांति के साथ अपना साक्षात्कार देते रहे और किसी भी जगह विचलित नहीं हुए।
मैं मजदूर रहा हूं, और मजदूर ही रहूंगा...अगले पन्ने पर...
मोदी ने इंटरव्यू में राजनीति के अलावा परिवार की कई व्यक्तिगत बातें भी दूरदर्शन के दर्शकों से साझा कीं। उन्होंने कहा कि आज यदि मैं भाजपा की तरफ से प्रधानमंत्री पद का दावेदार बना हूं तो यह कोई रातोंरात चमत्कार नहीं हुआ। इसके लिए मैंने कड़ी मेहनत की है और यहां तक पहुंचा हूं। मैंने जो मेहनत की है, उसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते।उन्होंने कहा कि मेरी जिंदगी बहुत अलग तरीके से शुरू हुई। मैं आम बच्चों जैसा सुख पाने के लिए तरस गया। मेरी जिंदगी का ज्यादातर वक्त ट्रेन में ही गुजरा। मैं संघ के प्रचारक के रूप में देश के 400 जिलों में गया। आप कोई भी नेता का नाम बता दीजिए जो देश के 400 जिलों के शहरों तक पहुंचा हो। मैं एक बार फिर कहना चाहता हूं कि मैं मजदूर रहा हूं...मैं नंबर एक का मजदूर हूं और जब प्रधानमंत्री भी बन जाऊंगा, तब भी मजदूर की ही तरह काम करता रहूंगा क्योंकि मजदूरी करना मेरी जिंदगी का अहम अंग बन चुका है। (वेबदुनिया न्यूज)