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Written By WD

7 मई, 7 राज्य और 64 सीटें, कई दिग्गज

7 मई, 7 राज्य और 64 सीटें, कई दिग्गज -
7 अप्रैल से प्रारंभ हुए 16वीं लोकसभा के चुनाव अब अंतिम चरणों तक आ गए हैं। इसी क्रम में 7 मई को आठवें चरण के मतदान होंगे। इसके तहत 7 राज्यों की 64 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। इसमें सबसे अधिक, आंध्रप्रदेश की 25 सीटों पर और सबसे कम जम्मू-कश्मीर में 2 सीटों पर मतदान होगा। पिछले सात चरणों की तरह ही आठवें चरण की महत्वपूर्ण सीटों पर भी नज़र डालते हैं। देखते हैं, यहां से कौन दिग्गज हैं और कौन उन्हें टक्कर दे रहा है।

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हाजीपुर : बिहार की इस सीट से दलित राजनीति के प्रमुख नेता रामविलास पासवान मैदान में हैं। साथ ही वे सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं। ऐसे में स्वाभाविक रूप से उनके लिए यह सीट जीतना प्रतिष्ठा का प्रश्न होगा। माना जा रहा है कि खासतौर से उनका मुकाबला जदयू के रामसुंदर दास से होगा। 2009 के चुनाव में पासवान को दास ने ही परास्त किया था। अत: वर्तमान में यह सीट दास के ही पास है। आप ने सुधीर पासवान, बसपा ने धनेश्वर राम, सपा ने वीरचंद्र पासवान को चुनाव मैदान में उतारा है। हालांकि इस बार पासवान भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं, इसलिए उन्हें इसका फायदा मिल सकता है।

हमीरपुर : हिमाचल प्रदेश की यह सीट वर्तमान में भाजपा के अनुरागसिंह ठाकुर के पास है। 2009 के मतदान में उन्होंने कांग्रेस के नरिंदर ठाकुर को 72,000 से अधिक मतों से पराजित किया था। इस बार भी कांग्रेस ही मुख्य प्रतिद्वंद्वी है, लेकिन उम्मीदवार होंगे, राजिंदर सिंह राणा। यहां से आप ने कमल कांत बत्रा को जीत की जिम्मेदारी दी है। कमल कारगिल के शहीद विक्रम बत्रा की माताजी हैं। निश्चित ही उनकी उपस्थिति मुकाबले को त्रिकोणीय बनाएगी।

कांगड़ा : कांगड़ा सीट पर वयोवृद्ध नेता शांताकुमार भाजपा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। शांता कुमार भारत सरकार के भूतपूर्व मंत्री हैं और 1977 में पहली बार प्रदेश के गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री बने थे। हालांकि 2009 में भी यह सीट भाजपा ने ही जीती थी, लेकिन तब उम्मीदवार डॉ. सुशांत रंजन थे। इस बार पार्टी ने यहां से शांता कुमार को खड़ा किया है। उनके सामने कांग्रेस के चंदर कुमार हैं। डॉ. सुशांत रंजन इस बार आप की ओर से प्रत्याशी हैं। हालांकि इस बार मोदी लहर के बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार हैं, फिर इस सीट से मुकाबला रोचक होगा।

मंडी : यह सीट हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र की पत्नी, प्रतिभासिंह की वजह से खास है। इस वजह से यह सीट जीतना उनके लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न भी है। हालांकि पिछले दो चुनावों से यह सीट वे ही जीतती आ रही हैं। वहीं भाजपा ने ट्रेड यूनियन आंदोलनों से जुड़े रहे रामस्वरूप शर्मा को ज़िम्मेदारी सौंपी है। आप से जयचंद ठाकुर, सीपीएम से कुशाल भारद्वाज भी चुनाव मैदान में हैं।

अमेठी : अमेठी ऐसी सीट है, जहां भाजपा, कांग्रेस और आप, तीनों पार्टियों के उम्मीदवार अपने आप में ख़ास जगह रखते हैं। एक तरह से देखा जाए, तो यहां त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है, न कि पहले की तरह एकतरफा कांग्रेस के पक्ष में। अपने ठोस इरादों के साथ अभिनेत्री स्मृति ईरानी दृढ़ता से भाजपा का ध्वज थामे मैदान में डटी हैं। वहीं कांग्रेस से उनके युवराज राहुल गांधी उम्मीदवारी पेश कर रहे हैं। पिछली दो बार से इस सीट पर उन्हीं का कब्ज़ा है। कांग्रेस के लिए यह सुरक्षित सीट मानी जाती रही है, लेकिन इस बार मुकाबला रोचक होने की उम्मीद है। भाजपा के उम्मीदवार के रूप में संजयसिंह सिर्फ़ एक बार 1998 में यहां से जीते थे। तीसरे ख़ास उम्मीदवार हैं आप के डॉ. कुमार विश्वास। डॉ. विश्वास वर्तमान में देशभर में सबसे अधिक सुने जाने वाले कवि हैं। पिछले कुछ दिनों से दिन-रात एक करके वे अमेठी के लोगों की नब्ज़ भी टटोल रहे हैं। देखें, इस सीट से किसकी मेहनत रंग लाती है।

सुल्तानपुर : गांधी खानदान के ही एक और चश्मोचराग़ वरुण गांधी के नाम से यह सीट जानी जा रही है। वरुण भाजपा की ओर से चुनाव मैदान में हैं। अभी तक पीलीभीत से चुनाव लड़ते आ रहे वरुण को इस बार पार्टी ने अपनी रणनीति के तहत सुल्तानपुर भेजा है। इस सीट पर हालांकि अभी कांग्रेस के डॉ. संजयसिंह काबिज़ हैं, लेकिन इस बार कांग्रेस ने उनकी पत्नी अमितासिंह को कांग्रेस की कमान सौंपी है। आप ने शैलेंद्र प्रताप सिंह, सपा ने शकील अहमद, बसपा ने पवन पांडे को चुनावी समर में भेजा है।

फूलपुर : यह सीट पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी मोहम्मद कैफ़ की वजह से नज़र में है। राजनीति में पदार्पण कर रहे कैफ़ को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है। इससे पहले कैफ़ की कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं रही है, इसलिए ज़ाहिर है मतदाता उनकी क्रिकेटर छवि को देखते हुए उनकी ओर आकृष्ट हो सकते हैं। वैसे भाजपा के केशव प्रसाद मौर्य भी मुकाबले के लिए पूरी ताकत से तैयार हैं। आप की ओर से शिमाला श्री, बसपा से कपिल मुनि करवारिया, सपा से धर्मराजसिंह पटेल चुनाव लड़ रहे हैं।

फ़ैज़ाबाद : अयोध्या इसी लोकसभा सीट के अंतर्गत आती है, इसलिए भाजपा के लिए यह सीट काफी महत्वपूर्ण है। हालांकि फिलहाल यह सीट कांग्रेस के कब्जे में है। यहां से कांग्रेस उम्मीदवार निर्मल खत्री चुनाव मैदान में हैं। वे 8वीं और 15वीं लोकसभा में इस सीट से सदस्य चुने गए थे। इस बार उनका मुकाबला भाजपा के लल्लूसिंह, आप की मयूरी तिवारी, सपा के मित्रसेन यादव, बसपा के जितेंद्र कुमार सिंह आदि से होगा।

गढ़वाल : यह सीट इस वक्त कांग्रेस के कब्ज़े में है। पिछली बार यहां से कांग्रेस के सतपाल महाराज चुने गए थे लेकिन इस बार कांग्रेस ने यहां से डॉ. हरक सिंह रावत को खड़ा करना ज़रूरी समझा। उनके सामने वरिष्ठ भाजपा नेता और सेवानिवृत्त मेजर जनरल बीसी खंडूरी मज़बूती से तैनात हैं। वहीं आप ने डॉ. राकेश सिंह को उम्मीदवार बनाया है।

हरिद्वार : यह सीट कांग्रेस उम्मीदवार रेणुका रावत की वजह से निगाह में है। रेणुका, हाल ही में प्रदेश के मुख्यमंत्री बने हरीश रावत की पत्नी भी हैं। लिहाज़ा, उनके लिए यह सीट जीतना निश्चित रूप से प्रतिष्ठा का प्रश्न होगा। उनका मुकाबला मुख्य रूप से प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे भाजपा प्रत्याशी रमेश पोखरियाल निशंक से होगा। रेणुका के अलावा, आप और सपा से भी महिला उम्मीदवार क्रमश: कंचन चौधरी (पूर्व डीजीपी) और अनिता सैनी चुनाव लड़ रही हैं। यहां से शिवसेना ने भी विशाल चौधरी को उम्मीदवारी सौंपी है।

नैनीताल-ऊधमसिंह नगर : भाजपा के भगतसिंह कोशियारी यानी बीसी कोशियारी इस सीट पर ध्यान खींचे हुए हैं। कोशियारी अक्टूबर 2001 से मार्च 2002 तक प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। और अभी इस सीट पर कांग्रेस से वर्तमान उम्मीदवार केसी सिंह बाबा काबिज़ हैं। यानी टक्कर दिलचस्प हो सकती है। प्रख्यात हिन्दी कवि बल्लीसिंह चीमा ने भी आप का ध्वज थामा है। इनके अलावा और भी कई क्षेत्रीय दल व स्वतंत्र उम्मीदवार भाग्य आज़मा रहे हैं।

आसनसोल : गायक बाबुल सुप्रियो इस सीट पर आकर्षण का केंद्र हैं। आवाज़ की दुनिया में पहचाने बनाने और श्रोताओं का दिल जीतने के बाद अब वे लोगों की सेवा के लिए सियासत के मैदान में उतरे हैं। हाथ में भाजपा का ध्वज थामे बाबुल, कांग्रेस की इंदिरा मिश्रा, तृणमूल की डोला सेन, सीपीएम के बंसा गोपाल चौधरी आदि से टक्कर लेंगे।

मेदिनीपुर : दिग्गज बंगाली अभिनेत्री संध्या रॉय इस सीट से तृणमूल के टिकट पर हैं और ज़ाहिर है इच्छुकजनों को इस सीट का चुनाव परिणाम जानने की इच्छा होगी। वर्तमान में यह सीट सीपीआई के प्रबोध पांडा के पास है और इस बार भी पार्टी से वे ही मैदान में हैं। कांग्रेस से डॉ. बिमल कुमार राज चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष प्रभाकर तिवारी को पार्टी ने इस सीट से उम्मीदवार भी बनाया है। पहले प्रभाकर सोच रहे थे कि मोदी की लहर केवल हिंदी भाषी राज्यों में ही है और इसका उन्हें कोई लाभ नहीं मिलेगा। मगर जब प्रचार के लिए वे ज़मीनी स्तर पर आए और गाँव-गाँव घूमे, तब उन्हें एहसास हुआ कि 'मोदी स्त्रोत' बंगाल के गाँव-गाँव में फैल गया है और ख़ासकर नवयुवक स्वत:स्फूर्त भाजपा के कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।

बांकुरा : यूं तो अभिनेत्री के रूप में मुनमुन सेन का काफी नाम है लेकिन चुनाव में यही नाम उनके लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। दरअसल, उन्हें आशंका है कि ईवीएम में उनका वास्तविक नाम 'श्रीमती देव वर्मा' दर्ज होगा और यदि ऐसा होगा, तो जो मतदाता उन्हें मुनमुन सेन नाम से जानते हैं, वे भ्रमित हो सकते हैं। उनका ख़ास मुकाबला माकपा के मौजूदा सांसद बासुदेव आचार्य से है। बासुदेव इस सीट पर 1980 से लगातार 9 बार चुने जाते रहे हैं, जो दर्शाता है कि उनके विरोधियों के लिए यह मुकाबला कितना कड़ा होने वाला है। बहरहाल, भाजपा ने इस चुनावी समर में सुभाष कुमार सरकार, कांग्रेस ने निलमाधाब गुप्ता, सीपीएम से आचार्य बासुदेब आदि को उतारा है।

राजमपेट : राजनीतिक पृष्ठभूमि से जुड़े परिवार में पली-बढ़ी डी. पुरंदेश्वरी इस सीट से भाजपा उम्मीदवार हैं। पुरंदेश्वरी आंध्रप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के संस्थापक एन.टी. रमाराव की बेटी हैं। उनके पति दग्गुबती वेंकटेश्वरा राव केंद्र सरकार में पूर्व मंत्री, पूर्व कैबिनेट सदस्य और आंध्रप्रदेश विधानसभा के वर्तमान विधायक हैं। पुरंदेश्वरी, 2004 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुई थीं। अब तेलंगाना मुद्दे पर केंद्रीय मंत्रिपद के साथ ही कांग्रेस पार्टी से त्याग पत्र देने के बाद डी. पुरंदेश्वरी भाजपा में शामिल हुईं थीं। उनके सामने कांग्रेस के अन्नाय्यागरी साई प्रताप मैदान में हैं।

8वां चरण : 7 मई, 7 राज्यों की 64 सीटों पर मतदान

आंध्रप्रदेश-25 (अरूकू, श्रीकाकूलम, विज़ियनगरम, विशाखापटटनम, अनाकापल्‍ली, काकीनाड़ा, अमालपुरम, राजमुंदरी, नरसपुरम, एलुरु, मचिलीपटटनम, विजयवाड़ा, गुंटूर, नारासरावपेट, बापटला, ओंगोल, नांदयाल, कर्नूल, अनंतपुर, हिन्‍दूपुर, कडपा, नेल्लूर, तिरुपति, राजमपेट और चित्‍तूर)

बिहार-7 (शिवपुर, सीतामढ़ी, मुज़फ्फरपुर, महाराजगंज, सारण, हाजीपुर और उजियारपुर)
हिमाचल प्रदेश-4 (कांगड़ा, मंडी, हमीरपुर और शिमला)
जम्मू-कश्मीर-2 (बारामुल्ला और लद्दाख)

उत्तरप्रदेश-15 (अमेठी, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, कौशांबी, फूलपुर, इलाहाबाद, फैज़ाबाद, अंबेडकर नगर, बहराइच, कैसरगंज, श्रावस्ती, गोंडा, बस्ती, संत कबीर नगर और भदोही)

उत्तराखंड-5 (टिहरी गढ़वाल, गढ़वाल, अल्मोड़ा, नैनीताल-ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार)
पश्चिम बंगाल-6 (झाड़ग्राम, मेदिनीपुर, पुरूलिया, बांकुरा, विष्‍णुपुर और आसनसोल)