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Written By WD

आडवाणी से मिलकर ही तय होगी उनकी भूमिका : राजनाथ

आडवाणी से मिलकर ही तय होगी उनकी भूमिका : राजनाथ -
गांधीनगर। एग्जिट पोल में राजग की जीत के अनुमान लगाए जाने के साथ ही भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि पार्टी के शीर्ष नेताओं की बैठक होगी और लालकृष्ण आडवाणी सहित वरिष्ठ नेताओं से विचार-विमर्श करने के बाद ही उनकी भूमिका पर निर्णय किया जाएगा।
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पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी से मुलाकात के लिए गांधीनगर जाते वक्त सिंह ने अहमदाबाद हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा, जहां तक वरिष्ठ नेताओं की भूमिका का सवाल है, मैं पार्टी की एक बैठक करूंगा, जिसमें उन लोगों को आमंत्रित किया जाएगा। सभी बड़े नेताओं के साथ गहन विचार-विमर्श के बाद हम निर्णय करेंगे कि किस व्यक्ति की क्या भूमिका होगी। उनसे पूछा गया था कि राजग के सत्ता में आने के बाद आडवाणी को क्या काम दिया जाएगा।

पिछली राजग सरकार में उपप्रधानमंत्री रहे आडवाणी के बारे में खबर है कि वह मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में कोई भूमिका लेने को इच्छुक नहीं हैं। इस तरह की चर्चा है कि आडवाणी को राजग संसदीय दल का नेता या अगली लोकसभा में अध्यक्ष पद की पेशकश की जा सकती है।

पार्टी को पूर्व भाजपा अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी की भूमिका भी तय करनी होगी जिन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए वाराणसी से कानपुर भेजे जाने पर नाखुशी जताई थी। सिंह भले ही मोदी के साथ बैठक के एजेंडे पर चुप रहे लेकिन समझा जाता है कि अगली सरकार के गठन और आडवाणी, जोशी एवं लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज की भूमिका को लेकर चर्चा हुई।

इससे पहले दिल्ली में आज वरिष्ठ नेताओं के बीच आज दिन भर आपसी मुलाकातों और चर्चाओं का दौर चला। भाजपा नेताओं ने मतगणना के बाद उभरने वाली परिस्थितियों और बीजद, अन्नाद्रमुक तथा एनसीपी सहित कुछ अन्य दलों से सहयोग लेने के बारे में भी चर्चा की। पार्टी पहले ही घोषणा कर चुकी है कि सरकार बनाने लायक बहुमत पाने पर भी उसके दरवाजे उन सभी दलों और व्यक्तियों के लिए खुले रहेंगे जो उसे समर्थन देना चाहते हैं। उसने कहा कि वह किसी से भी सहयोग लेने में गुरेज नहीं करेगी।

राष्ट्रीय राजधानी में आज सुबह से ही पार्टी नेताओं की आपस में मुलाकातों की गहमा गहमी रही। भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह सुषमा स्वराज से मिलने उनके निवास गए। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी ने भी सुषमा से भेंट की। गडकरी इन दिनों पार्टी के भीतर के विभिन्न समूहों से विचार विमर्श करने में काफी सक्रिय हैं। कल उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की थी।

अरुण जेटली और मोदी के करीबी अमित शाह ने भी 16 मई को आने वाले चुनाव के परिणामों से उभरने वाली स्थिति पर चर्चा की। राजग के सत्ता में आने पर भाजपा में परिवर्तन के भी कयास लगाए जा रहे हैं। पार्टी के सूत्रों का हालांकि मानना है कि राजनाथ सिंह पार्टी अध्यक्ष बने रहेंगे।

वैसे ये चर्चाएं भी हैं कि गडकरी फिर से अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं। गडकरी ने हालांकि ऐसी संभावना से इनकार करते हुए कहा है कि राजनाथ पार्टी की कमान संभाले रखेंगे। सूत्रों के अनुसार आरएसएस ने भी सलाह दी है कि सरकार बनने की स्थिति में पार्टी को कमजोर नहीं होने दिया जाए और ना ही उसकी शक्ति और जोश में कमी आने दी जाए। (भाषा)