नवरात्र आश्विन एवं चैत्र में क्यों?
'नव' शब्द का अर्थ नवीन भी होता है और नौ की संख्या भी। भारतीय धर्मशास्त्रों के अनुसार देवी दुर्गा के भी नौ रूप माने गए हैं अत: नवरात्र को धार्मिक महत्व देते हुए नौ दिन के व्रत की विधि प्रतिपादित कर दी गई।
नवरात्र का आश्विन एवं चैत्र माह में पड़ने का वैज्ञानिक कारण भी है। ये दोनों महीने ग्रीष्म ऋतु के संधिकाल माने जाते हैं। स्वाभाविक रूप से ऋतु परिवर्तन होने से शरीर प्रभावित होता है।
संयोग से शारदीय वर्ष आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से शुरू होता है और बासंती संवत्सर चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से। इन दोनों संवत्सरों के प्रारंभिक नौ दिनों को नवरात्र के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा आश्विन और चैत्र माह कृषि उपज के लिए भी महत्वपूर्ण कहे गए हैं।