आतंकियों के छिपने का ऐशगाह बनता मालवा, गृहमंत्री शाह से शिकायत करेंगे इंदौर सांसद
भोपाल। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के इंदौर से आतंकी जहीरुल शेख की गिफ्तारी के बाद एक बार फिर इंदौर के साथ साथ मालवा चर्चा में आ गया है। मंगलवार को एनआईए ने पश्चिम बंगाल के वर्धमान में 5 साल पहले हुए बम विस्फोट के मामले में आतंकी जहीरुल शेख को शहर की कोहिनूर कॉलोनी से गिफ्तार किया।
जहीरुल के बांग्लादेश के आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिद्दीन संगठन से जुड़े होने की बात भी सामने आ रही है। उस पर आरोप है कि वह आतंकी संगठन से शामिल युवकों के ट्रेनिंग देने का काम करता था। यह पहला मामला नहीं है कि जब मालवा के किसी जिले से आतंकी की गिरफ्तारी हुई है।
प्रतिबंधित संगठन सिमी के सबसे मजबूत गढ़ और नेटवर्क के लिए कभी मालवा देशभर में चर्चा के केंद्र में रहा है। सिमी और ऐसे कई मामलों को करीब से देखने वाले वरिष्ठ पत्रकार मनोज सैनी कहते हैं कि मालवा लंबे समय तक आतंकियों की शरणस्थली बना रहा है। इंदौर से पहले बात चाहे उज्जैन के महिदपुर से आतंकी सफदर नागौरी की गिरफ्तारी की हो या गुलशन कुमार हत्याकांड की, सभी के तार मालवा से जुड़े होने पाए गए।
मनोज कहते हैं कि सिमी के जब भी प्रदेश में सक्रिय होने की बात सामने आती है तो मालवा अपने आप चर्चा में आ जाता है। आतंकी और प्रतिबंधित संगठन से जुड़े ऐसे लोगों के तार के इंदौर और मालवा से जुड़े होने के मामले बार-बार सामने आने पर मनोज कहते हैं कि इसके पीछे सबसे बड़ा कारण इनको आसानी से शरण मिल जाना है जिसकी मालवा ऐसे लोगों की शरणस्थली बनता जा रहा है।
वे कहते हैं कि मालवा के साथ इंदौर के कुछ इलाके बेहद संवेदनशील हैं जिस पर बराबर खुफिया और पुलिस विभाग की नजर रहती थी, वहीं आतंकी जहीरुल की गिरफ्तारी पर मनोज कहते हैं कि एनआईए के शक्तिशाली होने के बाद प्रदेश में यह पहली आतंकी संगठन से जुड़े व्यक्ति की गिरफ्तारी का मामला है।
गृहमंत्री शाह से करेंगे शिकायत- इंदौर से आतंकी जहीरुल की गिरफ्तारी के बाद अब स्थानीय सांसद शंकर लालवानी ने स्थानीय पुलिस और खुफिया विभाग पर सवाल उठा दिए हैं। 'वेबदुनिया' से बातचीत में शंकर लालवानी कहते हैं कि इंदौर शहर से आतंकी की गिफ्तारी एक बहुत ही संवेदनशील मामला है और इसको लेकर वे गृहमंत्री अमित शाह से बात करेंगे।
शंकर लालवानी पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहते हैं कि इंदौर जैसे शांत शहर में एक आतंकी लंबे समय से रह रहा है और खुफिया विभाग को मालूम ही नहीं पड़ा? यह बेहद ही गंभीर लापरवाही है। ऐसे मामले में पुलिस और खुफिया विभाग को और अधिक सतर्कता बरतनी चाहिए।
वहीं मालवा में आतंकियों से जुड़े होने के मामले बार-बार सामने आने के सवाल पर लालवानी कहते हैं कि वे गृहमंत्री का ध्यान इस तरफ लाएंगे कि मालवा के कई जिलों में इस तरह की जो भी गतिविधियां चल रही हैं, उसको शक्ति से रोका जाए।
'वेबदुनिया' से बातचीत में लालवानी कहते हैं कि इंदौर में कुछ ऐसे हिस्से हैं, जहां ऐसे लोग आराम से रहते हैं और उन इलाकों पर जिला प्रशासन और खुफिया विभाग को खास ध्यान रखना चाहिए।